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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत अवैध धन का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक

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वाशिंगटन| भारत से एक दशक में कुल 439.59 अरब डॉलर अवैध धन दूसरे मुल्क में चला गया है। इस राशि के साथ यह चीन, रूस और मैक्सिकों के अवैध धन का निर्यात करने वाला दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है। यह तथ्य एक शोध में सामने आया है। वाशिंगटन के शोध और परामर्श संगठन ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी (जीएफआई) के मंगलवार को जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक, वर्ष 2012 में भारत से 94.76 अरब डॉलर अवैध धन बाहर चला गया था। संगठन के पास आखिरी आंकड़ा 2012 का उपलब्ध है। संगठन की मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘विकासशील देशों से अवैध वित्तीय प्रवाह : 2003-2012’ के मुताबिक 2012 में विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्था से रिकार्ड 991.2 अरब डॉलर अवैध धन बाहर चला गया। 2003 में यह प्रवाह सिर्फ कुल 297.4 अरब डॉलर था।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2003 से 2012 के बीच इन देशों से कुल 6,600 अरब डॉलर अवैध धन बाहर चला गया है। आलोच्य दशक में अवैध धन के सबसे बड़े पांच निर्यात देशों में हैं : चीन (1,250 अरब डॉलर), रूस (973.86 अरब डॉलर), मेक्सिको (514.26 अरब डॉलर), भारत (439.59 अरब डॉलर) और मलेशिया (394.87 अरब डॉलर)।

वर्ष 2012 के लिए ऐसे पांच सबसे बड़े देशों में हैं : चीन (249.57 अरब डॉलर), रूस (122.86 अरब डॉलर), भारत (94.76 अरब डॉलर), मेक्सिको (59.66 अरब डॉलर) और मलेशिया (48.93 अरब डॉलर)। रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध धन निर्यात महंगाई को समायोजित करते हुए सालाना 9.4 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, जो वैश्विक विकास दर की अपेक्षा दोगुनी है।

जीएफआई के अध्यक्ष रेमंड बेकर ने कहा, “अवैध वित्तीय प्रवाह विकासशील देशों के लिए सबसे नुकसानदेह आर्थिक समस्या है।” उन्होंने कहा, “यह अवैध धन प्रवाह इन देशों में आने वाली कुल एफडीआई और ओडीए राशि से अधिक है।” जीएफआई के मुख्य अर्थशास्त्री देव कर ने कहा, “इन तथ्यों से पता चलता है कि नीति निर्माताओं को अवैध धन प्रवाह को रोकने के लिए कितनी गंभीरता से प्रयास करने चाहिए।”

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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