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बिजनेस

भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में 90 हजार को बांटी नौकरियां

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वाशिंगटन। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में 15 अरब डॉलर से अधिक निवेश किए हैं और करीब 91 हजार अमेरिकियों को नौकरियां दी हैं। यह बात भारतीय उद्योग परिसंघ और ग्रांट थॉर्नटन द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में कही गई है।

कैपिटल हिल में यहां मंगलवार को जारी रिपोर्ट ‘इंडियन रूट्स, अमेरिकन सॉयल’ के मुताबिक इन कंपनियों ने सबसे अधिक नौकरी न्यूजर्सी, कैलीफोर्निया, टेक्सास, इलिनोइस और न्यूयार्क में दी है। साथ ही इन कंपनियों ने सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) टेक्सास, पेनसिल्वेनिया, मिनसोटा, न्यूयार्क और न्यूजर्सी में की है। इस अवसर पर आयोजन में अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्य और परिसंघ की सदस्य कंपनियों के कई प्रतिनिधि मौजूद थे।

अमेरिका में भारतीय राजदूत अरुण के सिंह ने कहा, ” भारत की कंपनियां सिर्फ निवेश और रोजगार सृजन ही नहीं कर रही हैं, बल्कि वे स्थानीय समुदायों के विकास और उनकी समृद्धि में महत्वपूर्ण हितधारक बन रही हैं।” सीनेट इंडिया कॉकस के डेमोक्रैट को-चेयर सीनेटर मार्क वार्नर ने कहा, “भारत अमेरिका में एफडीआई का चौथा सबसे बड़ा स्रोत हो गया है। देश में भारतीय कंपनियों के निवेश के सकारात्मक प्रभाव को मान्यता देना काफी जरूरी है।”

मुख्य बिंदु :

– करीब 100 भारतीय कंपनियों ने अमेरिका के 35 प्रांतों और वाशिंगटन डीसी में 91 हजार से अधिक को नौकरी दी है।

– इन 100 कंपनियों ने कुल 15.3 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है।

– भारतीय कंपनियों ने जिन पांच प्रांतों में सर्वाधिक नौकरी पैदा की है, उनमें शामिल हैं : न्यूजर्सी (9,278 नौकरी), कैलीफोर्निया (8,937 नौकरी), टेक्सास (6,230 नौकरी), इलिनोइस (4,779 नौकरी) और न्यूयार्क (4,134 नौकरी)।

– सर्वाधिक निवेश जिन पांच प्रांतों में हुआ, उनमें शामिल हैं : टेक्सास (3.84 अरब डॉलर), पेनसिल्वेनिया (3.56 अरब डॉलर), मिनसोटा (1.8 अरब डॉलर), न्यूयार्क (1.01 अरब डॉलर) और न्यूजर्सी (एक अरब डॉलर)।

– भारतीय कंपनियों ने हर प्रांत में औसत 44.3 करोड़ डॉलर निवेश किया है।

– इन कंपनियों में से 84.5 फीसदी अमेरिका में और निवेश करना चाहती हैं।

– 90 फीसदी कंपनियां अगले पांच साल में और अधिक स्थानीय लोगों को नौकरियां देना चाहती हैं।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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