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भाजपा सदस्य माफी मांगे : सिंधिया

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नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि वह ‘दलित विरोधी’ नहीं हैं। उन्होंने यह आरोप लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों से मांग की कि वे माफी मांगे। इसे मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष व कांग्रेस सदस्यों के बीच गरमागरम बहस हुई। सिंधिया ने अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद कहा, भाजपा सदस्यों द्वारा कल (सोमवार) सदन में मेरे खिलाफ कुछ बेबुनियाद आरोप लगाए गए। उन्होंने मुझे दलित विरोधी के रूप में पेश करना चाहा। मेरी छवि धूमिल की गई।

भाजपा के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को शून्य काल के दौरान दावा किया कि कांग्रेस सांसद के संसदीय क्षेत्र मध्य प्रदेश के गुना में एक अस्पताल का निर्माण किया गया है, जिसे गंगा जल छिड़ककर शुद्ध किया गया और दोबारा उसका उद्घाटन किया गया, केवल इसलिए क्योंकि उसका उद्घाटन भाजपा के एक दलित विधायक ने पहले कर दिया था।

कुमार का समर्थन भाजपा सांसद मनोहर उटवाल तथा नंद कुमार चौहान ने भी किया।

लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक आक्रोशित सिंधिया ने कहा कि भाजपा सदस्य अपने आरोप साबित करें या फिर इस्तीफा दें।

कांग्रेस नेता ने कहा, मेरे पास उस कार्यक्रम की रिकॉर्डिग है। मैं उन्हें आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। अगर वे इसे साबित कर देते हैं, तो सदन से मैं इस्तीफा दूंगा या फिर तीनों सांसदों को इस्तीफा देना होगा।

सिंधिया ने कहा कि संबंधित सदस्यों को कम से कम माफी तो मांगनी चाहिए।

सिंधिया सहित कांग्रेस के कई सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट पहुंचे और वीरेंद्र कुमार से माफी की मांग की। वीरेंद्र उस वक्त सदन में ही मौजूद थे।

कुमार ने प्रतिक्रिया देनी चाही, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी।

हंगामे के बीच, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें मंजूरी नहीं दी। खड़गे ने कहा कि उनकी आवाज दबाई जा रही है।

खड़गे की टिप्पणी से सत्ता पक्ष उत्तेजित हो उठा, जिसके बाद संसदीय मामलों के मंत्री एच.एन.अनंत कुमार की कांग्रेस सदस्यों से गरमागरम बहस हो गई।

अनंत कुमार ने कहा कि खड़गे की टिप्पणी अध्यक्ष के खिलाफ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

वहीं, महाजन ने कहा कि उन्होंने सिंधिया को बोलने की अनुमति दी, लेकिन वह कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ आसंदी के निकट चले आए।

महाजन ने कहा, अगर आप हर बार आसंदी के निकट चले आएंगे, तो सदन की कार्यवाही कैसे होगी? आपको इसे समझना होगा। अगर आप चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही न हो, तो आप मुझे पहले ही बता दें। मैं सदन की कार्यवाही स्थगित कर दूंगी।

अध्यक्ष ने कहा कि वह चर्चा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मुद्दे को सदन में सही तरीके से उठाए जाने की जरूरत है।

खड़गे ने कहा कि वह गोरक्षक का मुद्दा नहीं उठा रहे हैं, बल्कि सिंधिया से संबंधित मुद्दे को उठाना चाहते थे, ‘जिनकी छवि धूमिल की गई है।’

उन्होंने कहा, वह एक युवा नेता हैं, जिनके पास 15 वर्षो का संसद का अनुभव है। मैं उन्हें जानता हूं। वह दलित विरोधी नहीं हो सकते। कई बार वह संसद में दलितों के पक्ष में बोल चुके हैं। उनकी छवि धूमिल करना अच्छी बात नहीं है।

खड़गे ने अनंत कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, मुद्दे के समाधान के बजाय उन्होंने उसे और बढ़ावा दिया।

अनंत कुमार ने पलटवार किया, हमें संसदीय लोकतंत्र की सीख मत दीजिए। जिन्होंने लोकतंत्र की हत्या की है, वे हमें संसदीय लोकतंत्र की सीख दे रहे हैं।

खड़गे पर चुटकी लेते हुए मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सदस्य एक अनुभवी नेता हैं, जो जानते हैं कि आग कैसे लगाई जाती है और पानी में गोता कैसे लगाया जाता है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में छह सांसदों को पांच बैठकों के लिए निलंबित करने का मुद्दा उठाया और इसे निरस्त करने की मांग की।

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नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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