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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटिश लेखिका रुथ रेंडल नहीं रहीं

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लंदन। अपराध आधारित काल्पनिक उपन्यास लिखने वाली ब्रिटिश लेखिका रुथ रेंडल का शनिवार को लंदन में निधन हो गया। उनके प्रकाशक पेंग्विन रेंडम हाउस ने यह जानकारी। वह 85 साल की थीं। रेंडल को जनवरी में दिल का दौरा पड़ा था। मशहूर ‘इंस्पेक्टर वेक्स्फोर्ड’ श्रृंखला की लेखिका रेंडल को उनके काम में मनोवैज्ञानिक गंभीरता के लिए जाना जाता है।

उनके प्रकाशक ने उनके निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “हम अपने सबसे प्रिय लेखकों में एक रेंडल को खोकर बहुत दुखी हैं।” कॉरनरस्टोन पब्लिशिंग के सुसान सेंडन ने कहा, “उनके लेखन और उनके साथ ने हम सब का जीवन समृद्ध बनाया।”

‘इंस्पेक्टर वेक्सफोर्ड’ के किरदार पर लिखे उनके उपन्यास पर ब्रिटेन में ‘द रुथ रेंडल माइस्ट्रीज’ के नाम से धारावाहिक बनाया गया। उन्होंने कई अन्य रोमांचपूर्ण मनोवैज्ञानिक उपन्यास भी लिखे। लंदन में 17 फरवरी, 1930 को जन्मी रेंडल ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के तौर पर की थी। 60 से अधिक उपन्यासों की लेखिका रेंडल को ब्रिटिश गोल्ड डेगर्स फॉर फिक्शन, मिस्ट्री राइर्ट्स ऑफ अमेरिका एडगर अवार्ड सहित सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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