Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल : स्वयंभूनाथ मंदिर को लूटपाट से बचाएगी यूनेस्को टीम

Published

on

काठमांडू,नेपाल,भीषण भूकंप,विश्वविख्यात स्वयंभूनाथ मंदिर,विनाशकारी,यूनेस्को के सलाहकार डेविड एंडोल्फैटो

Loading

काठमांडू | नेपाल में पिछले हफ्ते आए भीषण भूकंप के कारण मची भारी तबाही में राजधानी काठमांडू स्थित विश्वविख्यात स्वयंभूनाथ मंदिर का मध्य स्तूप अभी भी जस का तस खड़ा है, हालांकि स्तूप के अगल-बगल में निर्मित मंदिर का शेष हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इस विश्वविख्यात मंदिर की बहुमूल्य कलाकृतियों को लूट से बचाने के लिए यूनेस्को की एक टीम संरक्षण में जुट गई है। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के कारण नेपाल में सिर्फ बड़े पैमाने पर जनहानि ही नहीं हुई है, बल्कि इसमें कई ऐतिहासिक विरासत वाली इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है। ये ऐतिहासिक स्थल दशकों से देश-विदेश के पर्यटकों को नेपाल की ओर आकर्षित करते रहे हैं। यूनेस्को की एक सात सदस्यीय टीम स्वयंभूनाथ मंदिर को हुए नुकसान का आकलन कर रही है और क्षतिग्रस्त मंदिर परिसर से मूल्यवान कलाकृतियों को लुटने से बचाने में भी लगी हुई है।

यूनेस्को के सलाहकार डेविड एंडोल्फैटो ने कहा, “भूकंप के कारण ढह चुके पत्थरों एवं टेराकोटा को हम सूचीबद्ध कर रहे हैं। हमारी पहली चिंता इन बहुमूल्य वस्तुओं को लूटे जाने से बचाने की है। इसके लिए हम मंदिर के तहखानों में से किसी एक की चाबी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हम इन वस्तुओं का भंडारण कर सकें।” उन्होंने कहा, “अभी हम मंदिर के पुनर्निर्माण के बारे में नहीं सोच रहे, क्योंकि इसके लिए धन की जरूरत होगी और पुनर्निर्माण तभी हो सकेगा जब इन बहुमूल्य वस्तुओं को बचाया जा सकेगा।”

स्वयंभूनाथ मंदिर नेपाल में सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में माना जाता है तथा बौद्ध और हिंदू दोनों धर्मावलंबियों के लिए पवित्र स्थान है। स्वयंभू मंदिर में संरक्षण का कार्य पूरा करने के बाद यूनेस्को की टीम काठमांडू में ही दरबार चौक और काष्ठमंडप मंदिर के संरक्षण में लगेगी। एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर को ‘बंदरों का मंदिर’ भी कहते हैं, क्योंकि इस मंदिर क्षेत्र में बंदर बहुतायत में पाए जाते हैं। अभी भी वहां काफी संख्या में बंदर मौजूद हैं। यूनेस्को के अनुसार, काठमांडू में कुल सात स्मारक स्थल हैं, जिनमें काठमांडू, भक्तपुर और पाटन में तीन दरबार चौक शामिल हैं। इसके अलावा चार धार्मिक स्थलों में स्वयंभूनाथ मंदिर, बौद्धनाथ मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर और चांगू नारायण हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending