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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिक्स नेता आईएमएफ में धीमे सुधार से असंतुष्ट

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ब्रिस्बेन| ब्रिक्स नेताओं ने बिस्बेन में जी-20 शिखर सम्मेलन से चंद घंटे पूर्व एक अनौपचारिक बैठक में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में 2010 के प्रस्तावित सुधारों को लागू न किए जाने को लेकर शनिवार को असंतोष और गंभीर चिंता जाहिर की है। बैठक के बाद जारी एक बयान में नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई है कि आईएमएफ में धीमे सुधार से इस संस्था की वैधानिकता और विश्वसनीयता कमजोर होगी।

ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बयान में कहा गया है, “2010 के समझौते को लागू करने में अनुचित विलंब जी-20 नेताओं द्वारा 2009 में किए गए वादे के विपरीत है।”

बयान में कहा गया है कि यदि अमेरिका वर्षात तक सुधार संबंधित समझौते को लागू करने में विफल रहा तो जी-20 को आईएमएफ के भावी सुधार के विकल्पों पर जनवरी 2015 में एक चर्चा आयोजित करनी चाहिए।

आईएमएफ ने नवंबर 2010 में घोषणा की थी कि कार्यकारी निदेशक मंडल ने ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी दे दी है, जिसमें उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से 2012 तक छह प्रतिशत कोटा गतिशील उभरते और विकासशील देशों को हस्तांतरित किया जाना शामिल था।

व्यापक तौर पर यह माना गया था कि सुधारों से विकासशील देशों की आर्थिक मजबूती बढ़ेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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