हेल्थ
बदलती जीवनशैली से भी स्तन कैंसर संभव
नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)| भारत में महिलाओं में कैंसर के मामलों में 27 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के हैं। इस तरह की परेशानी 30 वर्ष की उम्र के शुरुआती वर्षो में होती है, जो आगे चलकर 50 से 64 वर्ष की उम्र में भी हो सकती है। स्तन कैंसर के कुछ लक्षणों में स्तन या बगल में गांठ बन जाना, स्तन के निप्पल से खून आना, स्तन की त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना, स्तन में दर्द होना, गले या बगल में लिम्फ नोड्स के कारण सूजन होना आदि प्रमुख हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, 28 में से किसी एक महिला को जीवनकाल में कभी न कभी स्तन कैंसर होने का अंदेशा रहता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, भारतीय महिलाओं में छोटी उम्र में ही स्तन कैंसर होने लगा है। जागरूकता की कमी और रोग की पहचान में देरी के चलते उपचार में कठिनाई भी आती है।
स्तन कैंसर में इस रोग के ऊतक या टिश्यू स्तन के अंदर विकसित होते हैं। इस रोग होने के पीछे जो कारक हैं, उनमें प्रमुख हैं- जीन की बनावट, पर्यावरण और दोषपूर्ण जीवनशैली। बचाव के लिए जरूरी है कि 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं की स्क्रीनिंग आवश्यक रूप से की जाए। साथ ही जीवनशैली में भी कुछ बदलाव किए जाएं तो इस रोग की आशंका कम की जा सकती है।
आईएमए के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, यह ज्ञात हो चुका है कि डीएनए में अचानक से होने वाले परिवर्तनों के कारण सामान्य स्तन कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है। यद्यपि इनमें से कुछ परिवर्तन तो माता-पिता से मिलते हैं, लेकिन बाकी ऐसे परिवर्तन जीवन में खुद ही प्राप्त होते हैं। प्रोटोओंकोजीन्स की मदद से ये कोशिकाएं बढ़ती ताजी हैं। जब इन कोशिकाओं में म्यूटेशन या उत्परिवर्तन होता है, तब ये कैंसर कोशिकाएं बेरोकटोक बढ़ती जाती हैं।
ऐसे उत्परिवर्तन को ओंकोजीन के रूप में जाना जाता है। एक अनियंत्रित कोशिका वृद्धि कैंसर का कारण बन सकती है। बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जीन में उत्परिवर्तन होते हैं। माता-पिता से उत्परिवर्तित जीन से स्तन कैंसर का जोखिम अधिक होता है। उच्च जोखिम वाली महिलाओं को हर साल एमआरआई और मैमोग्राम कराना चाहिए।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, एस्ट्रोजेन स्तन ग्रंथियों के ऊतकों के विभाजन को तीव्र करता है। किसी महिला में यदि लंबे समय तक एस्ट्रोजेन अधिक रहता है, तो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ा रहता है। यदि 11 वर्ष की आयु या उससे पहले ही मासिक धर्म शुरू हो जाए या 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र में रजोनिवृत्ति हो तो माना जाता है कि एस्ट्रोजेन का एक्सपोजर अधिक है। महिलाओं को 45 वर्ष से 54 वर्ष की उम्र तक हर साल एक बार स्क्रीनिंग मैमोग्राम करा लेना चाहिए। 55 वर्ष या अधिक उम्र की महिलाओं को सालाना स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
स्तन कैंसर से बचाव के कुछ उपाय :
* शराब का सेवन कम करें : शराब से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आदी हों तो दिन में एक पैग से अधिक न लें, क्योंकि शराब की कम मात्रा से भी खतरा रहता है।
* धूम्रपान से बचें : अनुसंधान बताता है कि धूम्रपान और स्तन कैंसर के बीच एक संबंध है। इसलिए, यह आदत छोड़ने में ही भलाई है।
* शरीर का वजन काबू में रखें : सक्रिय जीवन जीएं। अधिक वजन या मोटापे से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। रोजाना लगभग 30 मिनट व्यायाम अवश्य करें।
* स्तनपान : स्तनपान कराने से स्तन कैंसर की रोकथाम होती है।
* हार्मोन थेरेपी को कम करें : हार्मोन थेरेपी की अवधि तीन से पांच साल तक होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सबसे कम खुराक का प्रयोग करें जो आपके लिए प्रभावी है। आप कितना हारमोन लेते हैं इसकी निगरानी डॉक्टर खुद करे तो बेहतर होगा।
* स्वस्थ आहार लें : फलों और सब्जियों से समृद्ध, संपूर्ण अनाज और कम वसा वाला आहार लें।
* तनाव से बचें : यह प्रतिरक्षा को कमजोर करता है और शरीर के रक्षा तंत्र को बिगाड़ता है। योग अभ्यास, गहरी सांस लेने और व्यायामक रने से लाभ होता है।
लाइफ स्टाइल
कैल्शियम की कमी को पूरा करती हैं ये चीजें, बनाएं डाइट का हिस्सा
नई दिल्ली। शरीर में कैल्शियम की कमी हो, तो आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। आपको स्वस्थ रखने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। वैसे तो दूध को कैल्शियम का सबसे रिच सोर्स माना जाता है, लेकिन कई लोग दूध नहीं पीना चाहते। ऐसे में खाने में कुछ अन्य चीजों को शामिल कर आप शरीर में कैल्शियम की पूर्ति कर सकते हैं।
कैल्शियम के लिए दूध की जगह इन चीजों को करें शामिल
1.नट्स को बनाएं डाइट का हिस्सा
कई तरह के नट्स कैल्शियम से भरपूर होते हैं। बादाम में कैल्शियम उच्च मात्रा पाया जाता है। इसमें विटामिन-ई, कॉपर, मैग्नीशियम और अन्य विटामिन्स भी होते हैं।
2.सोयाबीन
शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। इसमें आयरन और प्रोटीन भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
3.रागी
शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए रागी का सेवन कर सकते हैं। इसके आटे की रोटी खा सकते हैं। यह कैल्शियम की कमी को पूरा करने में मदद करता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।
4.पालक
पालक में आयरन के साथ-साथ कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होता है। इसे डाइट में शामिल कर कैल्शियम की कमी दूर सकते हैं।
5.चिया सीड्स
शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए डाइट में दूध की जगह चिया सीड्स भी शामिल कर सकते हैं। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और अन्य विटामिन्स भी पाए जाते हैं।
deficiency of calcium, how to fulfil deficiency of calcium, deficiency of calcium news,
डिसक्लेमर: उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी के पूर्णतया सत्य होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें।
-
नेशनल3 days ago
जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार
-
नेशनल3 days ago
अगर बीजेपी सत्ता में आई तो गरीबों, आदिवासियों और दलितों से उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे : राहुल गांधी
-
मनोरंजन3 days ago
अनुपमा की राजनीति में एंट्री, एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने थामा बीजेपी का दामन
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, बच्चों को वापस भेजा गया घर
-
प्रादेशिक3 days ago
सलमान खान फायरिंग मामला: आरोपी अनुज थापन ने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या
-
खेल-कूद3 days ago
स्लो ओवर रेट के चलते मुंबई के कप्तान हार्दिक पांड्या पर लगा 24 लाख का जुर्माना
-
नेशनल17 hours ago
सपा ने उम्मीदवारों की एक और लिस्ट की जारी, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को फतेहपुर से टिकट