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बंगाल विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एच.ए. हालिम का निधन

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हाशिम अब्दुल हालिम का सोमवार को यहां एक नर्सिग होम में निधन हो गया। हालिम के पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हालिम पिछले काफी समय से वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।

हालिम (80) साल 1982 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष रहे। 29 सालों तक विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सेवा देने वाले हालिम को सोमवार सुबह सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद शहर के एक नर्सिग होम में भर्ती कराया गया था। हालिम के परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 10 बजे मृत घोषित किया गया।

मार्क्सावादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रतिष्ठित नेता हालिम जाने माने वकील थे और उन्होंने 1977-1982 तक राज्य के कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में सेवा दी। हालिम के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी सहित अन्य नेताओं ने भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

ममता ने ट्वीट किया, “मैं पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले हाशिम अब्दुल हालिम के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।” तृणमूल के महासचिव और राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, “उनमें गजब का हास्य बोध था। वह सदन में तनाव की परिस्थितियों में भी अपनी बुद्धि और व्यंग्य से माहौल को हल्का बना देते थे। मैं उन्हें सिंगूर मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत का प्रयास करने वाले व्यक्ति के रूप में हमेशा अधिक याद रखूंगा।”

बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, “सदन के अध्यक्ष के तौर पर कई बार इसके सुचारु संचालन के लिए कुछ कड़े कदम उठाने पड़ते हैं और उन्होंने इसमें कोई संकोच नहीं किया, भले ही इसे किसी ने पसंद किया हो या नहीं।” राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और माकपा के राज्य सचिव एस. कांत मिश्र ने कहा कि हालिम का निधन संसदीय लोकतंत्र के समर्थकों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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