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बिजनेस

फोर्ब्स एशिया की सूची में फिर शामिल हुआ एचडीएफसी बैंक

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फोर्ब्स एशिया की सूची, एचडीएफसी बैंक, लगातार नौवें वर्ष जगह, ‘फैब 50’ कंपनियों की सूची

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मुंबई। एचडीएफसी बैंक को फोर्ब्स एशिया की ‘फैब 50’ कंपनियों की सूची में लगातार नौवें वर्ष जगह दी गयी है। इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक ने इस प्रतिष्ठित सूची में सबसे ज्यादा बार शामिल होने वाली कंपनी के रूप में विशिष्ट स्थान बना लिया है। यह सूची एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 50 सर्वश्रेष्ठ बड़ी कंपनियों के लिए वार्षिक सम्मान है। साल 2005 में इसका आरंभ हुआ और यह इसका 10वाँ वर्ष है।

फोर्ब्स एशिया ने इस साल “फैब 50” सूची के अपने संपादकीय में कहा है, “फैब 50 का दशक का सबसे चमकता सितारा भारत का एचडीएफसी बैंक है, जिसने 2006 तक इस सूची में प्रवेश नहीं किया था। हालाँकि अब इसने इस सूची में नौवीं बार जगह बनायी है, जो किसी भी अन्य कंपनी से ज्यादा है।”

इस पत्रिका ने एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्य पुरी के नेतृत्व में इसकी बीते 21 वर्षों की यात्रा पर अपनी आमुख कथा में लिखा है, “एचडीएफसी बैंक भारत में आईसीआईसीआई बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है। बिल्कुल शून्य से शुरुआत करके इस बैंक की बाजार पूँजी अब 43 अरब डॉलर की है और इसके 3.27 करोड़ ग्राहक हैं। लगभग 2500 शहरों एवं नगरों में इसकी 4,000 से ज्यादा शाखाओं का नेटवर्क है।”

पिछले वर्ष 12 कंपनियों की तुलना में इस वर्ष की सूची में 10 भारतीय कंपनियों को स्थान मिला है। इस सूची में शामिल कुछ अन्य भारतीय कंपनियाँ हैं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, अरबिंदो फार्मा, टाटा मोटर्स, टाइटन और ल्युपिन। इस सूची में किसी एक देश से सबसे ज्यादा कंपनियाँ चीन की हैं।

फोर्ब्स एशिया ने एक व्यापक और कठिन चयन प्रक्रिया रखी है। ये फैब 50 कंपनियाँ उन उन 1,116 कंपनियों में से चुनी गयी हैं, जिनकी कम-से-कम 3 अरब डॉलर की सालाना आमदनी या बाजार पूँजी (मार्केट कैप) है। इनकी पाँच साल की आमदनी, ऑपरेटिंग आय, पूँजी पर लाभ (आरओसी), हाल के वित्तीय परिणामों, शेयर भाव की चाल और भविष्य में वृद्धि के अनुमानों का मूल्यांकन करके फोर्ब्स एशिया की फैब 50 सूची को अंतिम रूप दिया जाता है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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