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नेशनल

फसलों के लिए 1 हजार करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष : शिवराज

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भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में फसलों की अधिक पैदावार की स्थिति में किसानों को वाजिब दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाएगी। यह घोषणा सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। राज्य में बीते पांच दिनों से किसान कर्ज माफी और उपज के उचित दाम की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुई हैं। किसानों के आंदोलन को खत्म कराने सरकार के प्रयास जारी हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री चौहान ने यहां संवाददाताओं के साथ चर्चा में किसानों को कई रियायतें देने की घोषणा की।

चौहान ने कहा, बंपर पैदावार होने पर फसलों के दाम कम हो जाते हैं और किसान को घाटा होने की स्थिति बनती है। बीते वर्ष ज्यादा पैदावार होने पर सरकार ने प्याज की खरीददारी की थी, और इस बार आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने का फैसला किया है। किसानों को नुकसान न हो और उनकी फसल को सरकार खरीद सके, इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये मूल्य का स्थिरीकरण कोष बनाया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, बीज, खाद आदि के लिए कर्ज लेने पर किसानों को 10 प्रतिशत छूट रहती है, यानी एक लाख रुपये लेने पर 90 हजार रुपये लौटाने पड़ते हैं। शेष 10 हजार रुपये और ब्याज सरकार भरती है। वर्तमान में एक फसल के लिए यह कर्ज मिलता है, अब किसानों के लिए यह ऐच्छिक होगा, चाहें तो दोनों फसलों के लिए कर्ज ले सकते हैं।

किसानों के आंदोलन के सवाल पर चौहान ने कहा कि रविवार को उनकी उज्जैन में किसानों से चर्चा हो गई और उन्होंने उनकी मांगें मान ली है।

जब उनसे किसान संघ के अलावा अन्य संगठनों के हड़ताल पर होने का सवाल किया गया तो उन्होंने हिंसक घटनाओं के लिए असामाजिक तत्वों को जिम्मेदार ठहराया, जो किसानों के आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं।

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नेशनल

अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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