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मुख्य समाचार

पारंपरिक लिबास में पहुंचीं नन नहीं दे पाईं पीएमटी

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तिरुवनंतपुरम| केरल में शनिवार को पारंपरिक लिबास में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) देने पहुंचीं एक नन को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। सिस्टर सेबा अपने पारंपरिक लिबास में परीक्षा देने पहुंची थीं और उन्होंने सिर से स्कार्फ हटाने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।

सेबा ने संवाददाताओं से कहा, “मुझसे कहा गया कि मैं यह पहन कर परीक्षा नहीं दे सकती। मैंने अधिकारियों से कहा कि जांच के दौरान मैं अपना स्कार्फ हटा लूंगी और जांच पूरी होने पर फिर पहन लूंगी। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि मैं तभी परीक्षा में शामिल हो सकती हूं जब मैं अपना स्कार्फ हटाकर परीक्षा दूं। तब मैंने लौटने का फैसला किया।”

सायरो मालंकारा गिरिजाघर के आधिकारिक प्रवक्ता बोवस मैथ्यू ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। सेबा इस गिरिजाघर से ताल्लुक रखती हैं।

मैथ्यू ने आईएएनएस से कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार इस मसले के समाधान के लिए कुछ नहीं कर रही। संविधान हर व्यक्ति को उसके धार्मिक विश्वास और रीति-रिवाज का अनुसरण करने की इजाजत देता है। न्यायपालिका को इस तरह का रवैया नहीं अपनाना चाहिए था।”

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) के लिए तय ड्रेस कोड में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए अभ्यर्थियों के कक्षा में पूरी आस्तीन की कमीज, हिजाब या बुर्का पहनकर परीक्षा देने जाने पर पाबंदी लगा दी थी।

न्यायालय ने यह आदेश ‘स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया’ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया था, जिसमें दलील दी गई थी कि इस तय ड्रेस कोड से उनकी आस्था आहत होती है। लेकिन न्यायालय ने उनकी यह दलील खारिज कर दी और कहा कि तीन घंटे की परीक्षा में बिना हिजाब के बैठने से आस्था समाप्त नहीं हो जाएगी।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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