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पाकिस्‍तान ने फिर दिखाई अपनी जात

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नई दिल्लीा, आतंकवाद, मुंबई आतंकी हमले के मुख्य: साजिशकर्ता जकीउर-रहमान-लखवी, पाकिस्ताान आतंकवाद का पालक और पोषक राष्ट्र , अमेरिका

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नई दिल्‍ली। आतंकवाद के खिलाफ अपनी थोथी प्रतिबद्धता के जरिए विश्‍व जनमत को अपने पक्ष में करने की कोशिश करने वाले पाकिस्‍तान की पोल एकबार फिर खुल गई है। मुंबई आतंकी हमले के मुख्‍य साजिशकर्ता जकीउर-रहमान-लखवी की रिहाई इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्‍तान आतंकवाद का पालक और पोषक राष्‍ट्र है। भारत हमेशा से यह बात कहता आ रहा है कि पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई मुल्‍क पीडि़त हैं।

दुनिया के चौधरियों की आंख अब खुल जानी चाहिए, खासतौर पर अमेरिका की, जो पाकिस्‍तान को आतंक के खिलाफ लड़ने के नाम पर अरबों-खरबों रुपये की मदद करता आया है और पाकिस्‍तान उसी पैसे के दम पर दुनिया भर में आतंक फैलाने का खासतौर पर भारत में, काम करता है। जम्‍मू-कश्‍मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्‍तान की नापाक कोशिशों से तो अब पूरी दुनिया वाकिफ हो चली है। अफगानिस्‍तान में भी पाकिस्‍तानी हस्‍तक्षेप किसी से छिपा नहीं है।

मुंबई हमले के बारे में स्‍वयं अमेरिकी एजेंसी एफबीआई का कहना था कि इस हमले की साजिश पाकिस्‍तान में रची गई और इसके कुछ सुबूत भी उन्‍होंने भारत सरकार को मुहैया कराए थे। भारत ने मुंबई हमले में लखवी की संलिप्‍तता के तमाम सुबूत पाकिस्‍तान को सौंपे थे लेकिन वे सुबूत अदालत में पेश ही नहीं किए गए। जिससे अदालत को उसे रिहा करने का आदेश देने का मौका मिल गया।

हालांकि भारत ने इस मामले में अपना कड़ा विरोध दर्ज करा दिया है और यूएस की विदेश विभाग की प्रवक्‍ता जेन साकी का यह कहना कि पाकिस्‍तान आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहे, कुछ सुखद कहा जा सकता है लेकिन बात इतने से ही नहीं बनने वाली।

भारत को इस मामले पर विश्‍व जनमत पाकिस्‍तान के खिलाफ करने की एक मुहिम चलानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने अच्‍छे अंतर्राष्‍ट्रीय संबंधों का लाभ उठाते हुए विश्‍व की तमाम महाशक्तियों को पाकिस्‍तान के विरोध में खड़ा करने का प्रयास करना चाहिए। पाकिस्‍तान एक डिस्‍टर्ब राष्‍ट्र है, बाहरी मदद के बिना उसे अपना वजूद कायम रखने में भी दिक्‍कत होगी। सिर्फ आतंक की खेती के बल पर अपनी पहचान को कायम रखने वाले देश पाकिस्‍तान के खिलाफ विश्‍व जनमत तैयार करने में भारत को कोई चूक नहीं करनी चाहिए। साथ ही कुछ समय वार्ताओं का दौर भी बंद कर देना चाहिए।

आज पाकिस्‍तान जो भाषा समझता है उसे उसी भाषा में जवाब देने की जरूरत है, बेवजह की वार्ताओं से समय व धन-जन सबका नुकसान है। भारत को पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद बंद होने तक वार्ताओं का दौर समाप्‍त करने की जरूरत है।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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