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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे मोदी’

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक अग्रणी समाचार-पत्र ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए लिखा है कि वह पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध सुधारना चाहते हैं और इसके लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान के अग्रणी दैनिक ‘डॉन’ ने रूस के उफा शहर में शुक्रवार को हुई मोदी और नवाज की मुलाकात का उल्लेख करते हुए अपने संपादकीय में लिखा कि इससे आपसी संबंध को सामान्य बनाने की दिशा में कई सफलताएं मिली हैं।

समाचार-पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा है, “भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों पक्षों का राजनीतिक नेतृत्व इस दिशा में कितना गंभीर है। नवाज निश्चित रूप से ऐसा चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने देश की अन्य संस्थाओं, खासकर सेना को आश्वस्त करने की अपनी क्षमता नहीं दिखाई है।”समाचार-पत्र के अनुसार, दोनों देशों को यह साबित करने की जरूरत है कि आपसी संबंध सुधारने का प्रयास बाहरी दुनिया के समक्ष दिखावा मात्र नहीं है।

समाचार पत्र के संपादकीय के अनुसार, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच शुक्रवार को हुई मुलाकात से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सफलता मिली है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से जारी तनाव, क्षेत्र में सुरक्षा की खराब स्थिति और कूटनीतिक माहौल को देखते हुए इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

समाचारपत्र ने अपने संपादकीय में लिखा, “मोदी ने अगले साल इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए नवाज की ओर से मिला निमंत्रण स्वीकार किया है और यदि वह अगले साल इस्लामाबाद दौरे पर आते हैं, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि उनसे पहले 10 सालों तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में एक भी बार पाकिस्तान का दौरा नहीं कर सके थे।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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