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पंजाब में 75 फीसदी वोटिंग, तरनतारन में हिंसा
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 117 सीटों पर शनिवार को करीब 75 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। कुछ जगहों पर मामूली वाद-विवाद एवं झड़प को छोडक़र मतदान शांतिपूर्ण रहा। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि मतदान खत्म होने के समय शाम पांच बजे भी कुछ स्थानों पर लोग कतार में लगे थे। इन्हें मतदान करने दिया जाएगा।
सतलुज नदी के दक्षिण में स्थित मालवा क्षेत्र में सुबह से ही लोगों में मतदान के प्रति खासा उत्साह दिखा। राज्य की 117 सीटों में 69 मालवा क्षेत्र में आती हैं, जो किसी पार्टी की जीत के लिए निर्णायक साबित होती हैं। यहां अकाली दल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला रहा।
संगरूर और फाजिल्का में सर्वाधिक 73 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। इसके बाद मनसा और फतेहगढ़ साहिब जिले में 72 फीसदी मतदान हुआ। ब्यास नदी के उत्तर में स्थित माझा और ब्यास और सतलुज नदी के बीच बसे दोआब क्षेत्र में मतदान प्रतिशत अच्छा रहा। शाम पांच बजे तक कुछ विधानसभा सीटों पर 75 से 78 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। तरनतारन में चुनावी हिंसा की खबर है। यहां अकाली सरपंच पर फायरिंग करने का आरोप है।
अमृतसर और रोपड़ जिलों में शाम पांच बजे तक सबसे कम 60 फीसदी मतदान हुआ था। क्या शहरी क्या ग्रामीण सभी इलाकों में मतदाताओं में उत्साह दिखा। ठंड के बावजूद लोग सुबह ही मतदान केंद्र पहुंच गए। मतदान शुरू होने के समय ही मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें लग गईं। अमृतसर लोकसभा सीट के लिए भी शनिवार को मतदान किया गया।
कुछ मतदान केंद्रों पर तकनीकी वजहों से मतदान थोड़े विलंब से शुरू हुआ। करीब 150 मतदान केंद्रों से ईवीएम के सही नहीं काम करने की शिकायतें मिलीं। निर्वाचन विभाग ने मतदान के लिए 31,460 ईवीएम का प्रयोग किया। प्रदेश में कुल 22,614 मतदान केंद्र बनाए गए थे। राज्य में 2012 के विधानसभा चुनाव में 78.57 फीसदी मतदान हुआ था।
चुनाव में 1.98 करोड़ योग्य मतदाता थे। चुनाव मैदान में 1,145 उम्मीदवार थे जिनमें 81 महिलाएं और एक किन्नर उम्मीदवार हैं। इस बार छह लाख से अधिक मतदाता पहली बार मताधिकार का प्रयोग के लिए योग्य थे।
चुनाव में सबसे पहले वोट डालने वालों में शिरोमणि अकाली दल के पटियाला से उम्मीदवार पूर्व सैन्य प्रमुख एवं पूर्व राज्यपाल जनरल जे.जे.सिंह और कांग्रेस से पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल (बादल गांव) रहे।
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उनके बेटे और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और बहू एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बादल गांव में वोट डाले। बादल गांव लंबी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां से प्रकाश सिंह बादल चुनाव मैदान में हैं। प्रकाश सिंह बादल (89) और उनके परिवार के लोग कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के मतदान केंद्र पहुंचे।
प्रकाश सिंह बादल ने वोट डालने के बाद कहा, “हम आसानी से जीत जाएंगे। पंजाब शांति और विकास की ओर देख रहा है।” प्रकाश सिंह बादल को लंबी सीट से पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह और आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह चुनौती दे रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने वोट डालने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, “हम इस बार शानदार जीत दर्ज कराएंगे। अमरिंदर सिंह अपनी जमानत तक नहीं बचा पाएंगे।” बादल के बड़े भाई गुरदास बादल अपना वोट डालने अकेले पहुंचे।
प्रकाश सिंह बादल के भतीजे और पंजाब के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल (गुरदास बादल के बेटे) ने भी इसी मतदान केंद्र पर वोट डाला। सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन 2007 से राज्य में सत्ता में है। जलालाबाद सीट पर 102 करोड़ घोषित संपत्ति के मालिक सुखबीर सिंह बादल को आम आदमी पार्टी के भगवंत मान और कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू से सीधी टक्कर मिल रही है।
इसके साथ ही क्रिकेटर से नेता बने कांग्रेस के नवजोत सिंह सिद्धू (अमृतसर पूर्व), पूर्व ओलंपियन और कांग्रेस नेता परगट सिंह (जालंधर कैंट), अपना पंजाब पार्टी के सुच्चा सिंह छोटेपुर (गुरदासपुर), कांग्रेस के सुनील जाखड़ (अबोहा) और राजिंद्र कौर भट्टल (लहरा) ने भी वोट डाले।
क्रिकेटर हरभजन सिंह और सूफी गायक हंसराज हंस ने भी जालंधर में मतदान किया। कुछ जिलों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) और मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनों में खराबी की खबरें भी मिली हैं।
निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, ज्यादातर स्थानों पर कुछ रुकावट के बाद मतदान दोबारा शुरू हो गया। मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और राज्य में एक लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। मतगणना 11 मार्च को होगी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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