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नोटबंदी के खिलाफ ममता व केजरीवाल ने जनविद्रोह की चेतावनी दी

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Kejriwal-mamtaनई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सरकार से कहा कि वह या तो तीन दिन के अंदर नोटबंदी के फैसले को रद्द करें या फिर जनविद्रोह का सामना करे।

राष्ट्रीय राजधानी के आजादपुर में थोक फल बाजार में एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के पीछे एक साजिश होने का आरोप लगाया जिसकी वजह से देश भर में नकदी को लेकर अव्यवस्था फैली हुई है। नोटबंदी के बाद के असर को संकट बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि लोगों के पास रोजमर्रा की जरूरी चीजें खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है।

उन्होंने कहा, यदि यह सब वास्तव में भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ होता तो आपका पहला समर्थन करने वाला अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी होती। इस फैसले को तीन दिनों के अंदर वापस लें..लोगों के धर्य की परीक्षा न लें। अन्यथा लोग बगावत कर देंगे।

वह एक आयकर आयुक्त रह चुके हैं, इस बात की लोगों को याद दिलाते हुए आप नेता ने कहा कि यह उनकी समझ से बाहर है कि 2000 रुपये के नोट लाने से भ्रष्टाचार और कालाधन पर किस तरह से रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है।

उन्होंने कहा कि बैंकों ने कॉरपोरेट घरानों को आठ लाख करोड़ से भी अधिक कर्ज दिए हैं। इस पैसे को या तो धनकुबेरों ने बेइमानी से ले लिया है या आंशिक रूप से बैंकों ने उसे बट्टे खाते में डाल दिया है। आठ लाख करोड़ रुपये कर्ज की राशि के लिए कुछ नहीं किया गया..नोटबंदीएक साजिश है।

उन्होंने कहा कि सरकार लोगों से बंद मुद्रा को जमा करके और बट्टे खाते को खारिज मान कर 10 लाख करोड़ रुपये पाने की उम्मीद कर रही है।
केजरीवाल ने कहा, क्या आप सोचते हैं कि लोग मूर्ख हैं? हमें मूर्ख मत बनाइए। यह मत कहें कि लाइन में खड़ा रहना राष्ट्रवाद है। अंबानी और अडानी पर छापा क्यों नहीं मारा गया? उनके स्विस बैंक के खातों पर छापे क्यों नहीं मारे जा रहे हैं? शेष भारत लाइन में क्यों है?

इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार के इस फैसले ने देश में आर्थिक अस्थिरता पैदा कर दी है। ममता ने कहा, क्या कहा था उन्होंने। अच्छे दिन आएंगे। यही हैं अच्छे दिन? ट्रक वालों ने मुझसे कहा कि उनके पास चालकों को देने के लिए पैसे नहीं हैं। ट्रक देश की जीवन रेखा हैं। यदि ट्रकों का चलना बंद हो गया और मंडियों में सब्जियां और फल आने बंद हो गए तो क्या होगा?

ममता ने सवाल किया, लोग खाएंगे क्या? हीरा? एटीएम? यह किस तरह का मजाक है? अपने लिए, बच्चों के लिए खाना खरीदने के लिए लोगों के पास पैसा नहीं है। किसान क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि इतनी खराब स्थिति 1975-77 के आपतकाल में भी नहीं थी। ममता ने कहा कि वह कालेधन पर लगाम लगाने के सरकार के प्रयास का समर्थन करती हैं लेकिन भ्रष्टाचार से लडऩे के नाम पर इस मारामारी को जारी रहते नहीं देख सकतीं।

केजरीवाल ने मोदी पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब वह सोचते थे कि मोदी ईमानदार आदमी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब दो कारपोरेट घरानों ने उन्हें 40 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। इस आरोप के लिए केजरीवाल ने एक कागज दिखाया जिसे उन्होंने आयकर विभाग का दस्तावेज बताया। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।

केजरीवाल ने आठ नवंबर की नोटबंदी की नाटकीय अंदाज में की गई घोषणा के बाद से देश भर में कथित रूप से 40 लोगों की कथित मौत के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। केजरीवाल ने भीड़ से कहा, इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है? भीड़ से आवाज आई-मोदी..मोदी..।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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