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बिजनेस

नोकिया करेगी एल्काटेल-ल्यूसेंट का अधिग्रहण

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हेलसिंकी | फिनलैंड की प्रसिद्ध मोबाइल हैंडसेट निर्माता कंपनी नोकिया ने बुधवार को फ्रांस की कंपनी अल्काटेल ल्यूसेंट का अधिग्रहण करने की घोषणा की। इस अधिग्रहण के लिए 15.6 अरब यूरो (16.6 अरब डॉलर) का मूल्य लगाया गया है। समाचा एजेंसी एफे के मुताबिक, मूल्य का भुगतान शेयरों के जरिए होगा, जिसके तहत अल्काटेल ल्यूसेंट के पुराने शेयरधारकों को प्रत्येक शेयर की एवज में नई कंपनी का 0.55 शेयर आवंटित किया जाएगा।

विलय के बाद बनने वाली कंपनी में नोकिया के शेयरधारकों की 66.5 फीसदी और अल्काटेल ल्यूसेंट के शेयरधारकों की 33.5 फीसदी हिस्सेदारी होगी। नई कंपनी का नाम होगा नोकिया कॉरपोरेशन और उसका मुख्यालय फिनलैंड में होगा। यह स्वीडन के एरिक्शन के बाद लगभग 26 अरब यूरो बिक्री के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी हैंडसेट निर्माता कंपनी होगी। नोकिया के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव सूरी ने कहा, “अल्काटेल ल्यूसेंट और नोकिया एक साथ अगली पीढ़ी की नेटवर्क प्रौद्योगिकी और सेवा का नेतृत्व करना चाहती हैं और इससे लोग चाहे जहां कहीं भी रहें उनके बीच निर्बाध संपर्क रहेगा।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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