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प्रादेशिक

नेपाल भूकंप पीड़ितों की मदद में जुटी उप्र सरकार

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लखनऊ | नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश के बाद भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा राहत व बचाव कार्य और तेज कर दिया गया है। अब तक 205 बसें नेपाल पहुंच चुकी हैं। इनमें से 80 बसें एवं 29 छोटे वाहन नेपाल से वापस आ चुके हैं, जिनमें 42 बसों में मुख्यत: बिहार के लोग हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयं निर्देश दिए हैं कि नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए लगातार बसें भेजी जाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सकुशल वापस लाया जा सके। प्रदेश सरकार की ओर से नेपाल को ज्यादा से ज्यादा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रवक्ता के अनुसार, आज दोपहर तक विभिन्न प्रदेशों जैसे-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात एवं कर्नाटक के लगभग 5 हजार 500 लोग विश्वविद्यालय में स्थापित राहत शिविर में आकर आगे के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 1 ट्रक दवाइयां, 10 ट्रक बिस्कुट व 7 ट्रक मिनरल वाटर सहित कुल 18 ट्रक राहत सामग्री राष्ट्रीय आपदा दल को नेपाल में भूकंप पीड़ितों के बीच वितरण के लिए उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रवक्ता ने बताया कि लखनऊ से 28 ट्रक राहत सामग्री के साथ रवाना किए गए थे, जो अब नेपाल सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। इसके अलावा बड़ी मात्रा में चावल, दाल, आटा, कंबल, बिस्कुट, क्लोरीन टैबलेट, टेंट, प्लास्टिक तिरपाल, ब्लीचिंग पाउडर, सैनिटरी पैड, तौलिये, नमकीन, ड्राई लंच पैकेट, मिनरल वाटर की बोतलें, चीनी, ग्लूकोज, मिल्क पाउडर इत्यादि भेजे जा चुके हैं।

राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद की ओर से 775 कुंतल चावल, 15 कुंतल दाल, 705 कुंतल आटा, 928 कुंतल आलू, 71 कुंतल गेहूं, 106 कुंतल प्याज, 12 कुंतल चीनी, 21 कुंतल नमक, 15 गत्ते बिस्कुट, 1 कुंतल गुड़, 24 कार्टन पानी की बोतल सहित अन्य राहत सामग्री भी भेजी जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि नेपाल से आ रहे भूकंप पीड़ित शरणार्थियों के लिए मुख्य राहत शिविर गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित कर दिया गया है। इसके अलावा, कैम्पियरगंज जनपद गोरखपुर में कंट्रोल रूम व सहायता केंद्र स्थापित है, जो भूकंप पीड़ितों को गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित मुख्य राहत शिविर तक पहुंचने में सहायता प्रदान कर रहा है।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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