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नेताजी की मौत का सच स्वीकार करें देश : कृष्णा बोस
कोलकाता, 2 जून (आईएएनएस)| नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रिश्तेदार कृष्णा बोस ने शुक्रवार को कहा कि भारत को 1945 की विमान दुर्घटना में क्रांतिकारी की मौत के सच को स्वीकार करना चाहिए और देश को उनके जीवन और आदर्शो पर गौर करना चाहिए। बोस केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई आवेदन पर मंगलवार को दिए गए बयानों का जिक्र कर रही थीं, जिसमें कहा गया था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत 1945 में ताइवान में हुई एक विमान दुर्घटना में हुई थी।
बोस ने आईएएनएस से कहा, उपलब्ध दस्तावेजों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों को देखते हुए, हम लंबे समय से जानते हैं कि यह सच है। अंतत: यह सच है। यह हमारे लिए एक त्रासदी है, हमने उन्हें खोया है, लेकिन हम एक परिपक्व राष्ट्र हैं और हमें इसका सामना करना चाहिए।
आरटीआई के तहत आए जवाब को सत्यापित करते हुए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद ने कहा कि उनकी मृत्यु के बारे में बातचीत के करने के बदले उनके आदर्शो और उनके जीवन के बारे में बात करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, अगर आप किसी बच्चे से पूछते हैं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस कौन थे, और यदि वह कहता है कि वह एक ऐसे शख्स थे, जिनकी मृत्यु रहस्यमय है, तो मुझे दुख होगा।
बोस ने कहा, हम सभी उनके आदर्शो के बारे में सोचें और बात करें, न कि हमेशा उनकी मृत्यु के बारे में बात करें। हमारे देश के युवाओं के समक्ष यही प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
बोस द्वारा स्थापित अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक ने कहा है कि केंद्र सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए और तुरंत बयान वापस लेना चाहिए।
पार्टी ने इस बयान के खिलाफ तीन दिवसीय विरोध का भी आह्वान किया है।
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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।
स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।
नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”
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