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नीतीश ‘चेहरा’ नहीं ‘मुखौटा’ होंगे : कुशवाहा

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पटना,केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी,अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा,राष्ट्रीय जनता दल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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पटना | केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यहां मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) गठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भले ही घोषित कर दिया हो, लेकिन वह सिर्फ ‘मुखौटा’ होंगे। दिल्ली से पटना पहुंचे कुशवाहा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, “राजद-जद (यू) गठबंधन ने आगामी चुनाव के लिए नीतीश को चेहरा के तौर पर भले ही पेश किया हो, लेकिन वह सिर्फ मुखौटा होंगे। असली खिलाड़ी लालू प्रसाद होंगे।”

उन्होंने कहा कि बिहार की जनता लालू प्रसाद के ‘जंगलराज’ को बिहार में फिर से दोहराना नहीं चाहती। कुशवाहा ने एक बार फिर दोहराया कि इस गठबंधन से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। राजग में सीट के बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि राजग एकजुट है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को जनता परिवार गठबंधन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सितंबर-अक्टूबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। चुनाव से पहले एक ‘चेहरा’ पेश करने की परंपरा शुरू करने वाली राजग की मुख्य घटक भाजपा ने अभी अपना चेहरा पेश नहीं किया है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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