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नीतीश की संपर्क यात्रा : ‘सफर एक, मंजिलें अनेक’!

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पटना| बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर यात्रा पर हैं। महात्मा गांधी की कर्मभूमि ‘चंपारण’ से शुरू हुई उनकी ‘संपर्क यात्रा’ को कई लोग अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी कह रहे हैं, तो कई लोग इसे जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को मजबूत करने की कोशिश करार दे रहे हैं।

माना जा रहा है कि नीतीश भले ही एक यात्रा कर रहे हों परंतु उनके निशाने कई हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि नीतीश जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता गांव-गांव में फैले हैं और जब तक कार्यकर्ताओं को जमीनीस्तर पर मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक भाजपा जैसी कैडर वाली पार्टी से मुकाबला करना जद (यू) के लिए आसान नहीं होगा।

जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह कहते हैं, “नीतीश की यात्रा का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं को न केवल जमीनी स्तर पर मजबूत करना है बल्कि उनमें जोश भरना भी है।”

ऐसा नहीं कि नीतीशपूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने राजनीतिक जीवन (चाहे वे सत्ता में रहें हों या सत्ता से बाहर) में यह कोई पहली यात्रा कर रहे हैं। इसके पूर्व भी उन्होंने जनता के बीच जाने के लिए किसी न किसी यात्रा को ही माध्यम बनाया है और सभी यात्राएं चर्चित रही हैं।

यात्राओं के माध्यम से सियासत करने में माहिर माने जाने वाले नीतीश सेवा यात्रा, विकास यात्रा, न्याय यात्रा, प्रवास यात्रा, धन्यवाद यात्रा और विश्वास यात्रा की रथ पर सवार होकर पूरे बिहार की परिक्रमा कर चुके हैं। इसके अलावे ‘अधिकार यात्रा’ के नाम पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर पूरे बिहार के लोगों से भी वह संपर्क साध चुके हैं।

बिहार में नीतीश के पूर्व नेता लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए रैलियों की राजनीति करते थे परंतु नीतीश ने रैलियों की राजनीति से अलग यात्रा के माध्यम से जनता के द्वार पर जाने का काम किया, जिसका उन्हें फायदा भी मिला है। लोगों का मानना है कि इन यात्राओं के माध्यम से उन्होंने जनता के द्वार पर खुद पहुंचने की रणनीति बनाए रखी है।

राजनीति के जानकार एवं पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार सिंह कहते हैं कि नीतीश यात्राओं की राजनीति में माहिर खिलाड़ी हैं। पूर्व की यात्राओं से भी वे न केवल अपने कार्यकर्ताओं में संजीवनी का संचार करते रहे हैं बल्कि अपने विकास कार्यो, अधिकारियों के क्रिया-कलापों की भी जमीनी हकीकत की जानकारी रखते रहे हैं।

सिंह कहते हैं कि संपर्क यात्रा के दौरान न केवल वे कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं बल्कि भाजपा पर सीधे हमला भी कर रहे हैं। इसके अलावा वे महागठबंधन में शामिल दलों पर भी इस यात्रा के माध्यम से दबाव बनाए रखना चाह रहे हैं।

पटना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एऩ क़े चौधरी कहते हैं कि नीतीश अपनी पूर्व की गलतियों से सीखते हुए संपर्क यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। जद (यू) के कार्यकर्ता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा से नाराज थे। नीतीश इस यात्रा के माध्यम से जहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर रहे हैं वहीं क्षेत्र में जद (यू) की स्थिति भी भांप रहे हैं। इसके अलावा वे महागठबंधन में शामिल दलों पर भी इस यात्रा के माध्यम से दबाव बनाए रखना चाह रहे हैं।

वैसे, विपक्ष इस यात्रा को धोखा देने वाली यात्रा बता रहा है। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव कहते हैं कि संपर्क यात्रा कार्यकर्ताओं को धोखा देने का बहाना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में ठुकराए गए नीतीश को विधानसभा चुनाव में अपने वजूद पर खतरा नजर आ रहा है, इसलिए अब उन्हें कार्यकर्ताओं की याद आ रही है।

उल्लेखनीय है कि नीतीश गत 13 नंवबर से संपर्क यात्रा पर निकले हैं। नीतीश इस यात्रा के दौरान बिहार के 33 जिलों में जाएंगे। उनकी यात्रा 29 नवंबर को पटना में समाप्त होगी।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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