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नए भूमि अधिग्रहण विधेयक से रोजगार बढ़ेगा : बीरेंद्र

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नई दिल्ली | केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण विधेयक से देश की वृद्धि में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होने से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रुकेगा। सिंह को उम्मीद है कि यह विधेयक अगले सप्ताह के प्रारंभ में राज्यसभा में पारित हो जाएगा।

बीरेंद्र सिह (69) ने सिर्फ राजनीतिक कारणों से नए भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस को आरोपी ठहराया।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2013 में जल्दबाजी में भूमि विधेयक पारित किया था, क्योंकि वे इस विधेयक से पिछले लोकसभा चुनाव में लाभ हासिल करना चाहते थे। जबकि उसमें 50 से अधिक गलतियां थीं। नए विधेयक के लाभ गिनाते हुए बीरेंद्र ने कहा कि इसके प्रावधानों से बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार अपने राज्यों के विकास के लिए उचित कदम उठाने में सक्षम होगी, जबकि इससे किसानों के हितों की भी सुरक्षा होगी।” सिंह ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, “यह विधेयक एक तरफ विकास और रोजगार को अनिवार्य बनाएगा। वहीं, दूसरी तरफ इससे किसानों के हितों की भी रक्षा होगी। यह विधेयक आज के समय की जरूरत है। यदि हम अपने अवसरों को हाथ से जाने देंगे तो यह विश्व हमारा इंतजार नहीं करेगा।” नए विधेयक से अधिग्रहण की स्थिति में भूमि मालिकों को बाजार दर की तुलना में दो से चार गुना अधिक मुआवजा मिलेगा। इसके साथ ही पुनर्वास और पुनस्र्थापना की भी व्यवस्था की गई है।

सिंह ने इस विधेयक से जुड़ी भ्रांतियों को विस्तार से बताया और कहा, “विधेयक सिंचाई नहरों, सड़कों, ग्रामीण आवास, बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहित करने के लिए राज्यों और केंद्र के विभिन्न विभागों को सशक्त करेगा। प्रस्तावित औद्योगिक गलियारों से स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन में मदद मिलेगी, जिससे देश के जीडीपी विकास को गति मिलेगी।” उन्होंने कहा कि यह विधेयक सरकार को निजी कंपनियों के अधिग्रहण की मंजूरी नहीं देता। लेकिन सरकार को औद्योगिक गलियारों के निर्माण की अनुमति देता है, जहां उद्योग और उद्यम विकास को बढ़ावा दे सकें। हालांकि, पिछले दो दशकों में जीडीपी में कृषि का योगदान 30 प्रतिशत से घट कर 14.5 प्रतिशत हो गया है। सिंह ने कहा कि नए विधेयक के लाभों को आगामी महीनों और सालों में महसूस किया जाएगा, जिससे हमारी नीतियों की उपादेयता सिद्ध होगी।

बजट सत्र के प्रारंभ में नौ आधिकारिक संशोधनों के साथ लोकसभा में भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता, पुनर्वास और पुर्नस्थापना अधिकार (संशोधन) विधेयक 2015 पारित हो गया। लेकिन राज्यसभा में राजग के अल्पमत में होने की वजह से यह पारित नहीं हो सका। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कह रही है कि वह 2013 का कानून चाहती है। यह सिर्फ राजनीतिक हथकंडा है और इसलिए इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है।” सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि यह विधेयक पारित हो जाएगा। हमने प्राप्त प्रत्येक सुझावों पर ईमानदारी से विचार किया और विधेयक में नौ संशोधन किए। यदि ऐसा कुछ है, जिसमें किसानों का हित हो तो हमें उस सुझाव को स्वीकार करने में कोई परहेज नहीं है।”

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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