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प्रादेशिक

नई शिक्षा नीति : गुणवत्ता पर जोर

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लखनऊ/नई दिल्ली। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापरक और रोजगारपरक बनाने के लिए नई शिक्षा नीति लागू करने की पहल शुरू हो गई है। शिक्षण संस्थानों को सीधा उद्योग से जोड़ने, क्षेत्रीय असमानताएं दूर करने, शोध कार्यो को बढ़ावा और ऑनलाइन कोर्स जैसे बिंदुओं को गंभीरता से लागू किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सभी विश्वविद्यालयों से 20 बिंदुओं पर 24 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं। इन्हीं 20 बिंदुओं पर नई शिक्षा नीति की नींव पड़ेगी, ताकि नई पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिल सके जो उनको रोजगार उपलब्ध करा सके।

देश में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी नहीं है। बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान हैं, लेकिन उसके बावजूद देश के शिक्षण संस्थान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 200 संस्थानों के बीच जगह बनाने में नाकाम साबित होते हैं।

पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति की बात उठाई जा रही थी, ताकि देश में बेरोजगारी को कम किया सके। इसलिए सबसे अधिक फोकस विज्ञान संबंधी विषयों पर किया गया है, क्योंकि इंजीनियरिंग करने के बाद भी छात्रों को नौकरी नसीब नहीं होती।

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अब नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी है, जिसमें शोध और उद्योग जगत से कॉलेजों के सीधा जुड़ाव को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसलिए विश्वविद्यालयों से बीस बिंदुओं पर सुझाव मांगे गए हैं, जिसके आधार पर ही नई शिक्षा नीति विकसित की जाएगी।

केंद्र ने इन बिंदुओं पर मांगे हैं सुझाव :

* शासन स्तर से गुणवत्ता में बदलाव

* संस्थान की रैंक और मूल्यांकन

* शैक्षणिक नियमों में सुधार

* केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भूमिका निर्धारित करना

* स्किल डेवलपमेंट के लिए एकीकृत योजना

* दूरस्थ और ऑनलाइन कोर्स को बढ़ावा

* तकनीकी विकास के लिए संभावनाएं

* क्षेत्रीय असमानताएं दूर करना

* लैंगिक और समाजिक ‘गैप’ को दूर करना

* उच्च शिक्षा को समाज से जोड़ना

* अच्छे शिक्षक तैयार करना

* छात्रों के लिए सपोर्ट सिस्टम बनाना

* भाषा के जरिए देश की संस्कृति को बढ़ावा देना

* निजी सेक्टरों की भागीदारी बढ़ना

* उच्च शिक्षा का अनुदान बढ़ाना

* उच्च शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाना

* रोजगार के लिए इंडस्ट्री से सीधा जुड़ाव

* तकनीक और शोध को बढ़ावा

* नई शिक्षा विकसित करना।

 

उत्तर प्रदेश

कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे

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कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।

उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।

योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।

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