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देश की धरोहर राजनीतिक आधार पर नहीं बांटी जा सकती : मोदी
जम्मू| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश की धरोहर सभी के लिए समान है और इसे राजनीतिक संबद्धताओं के आधार नहीं बांटा जा सकता। मोदी ने यह बात कांग्रेस नेता गिरधारी लाल डोगरा के स्वर्ण जयंती समारोह पर कही, जो वित्त मंत्री अरुण जेटली के ससुर हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “देश की धरोहर सबके लिए समान है और इसे राजनीतिक विचारधारा के आधार पर नहीं बांटा जा सकता।”
उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता ने यह सोचे बिना कि वह किस विचारधारा की पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, देश के लिए काम किया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेता को इंसान की अच्छी समझ रही होगी और इसी वजह से उन्होंने अरुण जेटली को अपना दामाद चुना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता का दामाद होने के बावजूद जेटली की अपनी राजनीतिक मान्यता है और उन्होंने कभी भी अपने ससुर की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल नहीं किया।
मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा, “अन्यथा हम सभी को पता है कि आजकल किस दामाद के कारण उनके ससुराल वालों को शर्मिदगी उठानी पड़ रही है।” उन्होंने इस दौरान मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद दी और फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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