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देश की दूसरी महिला रक्षामंत्री बनी निर्मला सीतारमण, जाने उनसे जुड़े कुछ अहम तथ्य

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पिछले कुछ दिनों से मोदी कैबिनेट में अत्याधिक तनातनी का माहौल था। पीएम मोदी आये दिन कैबिनेट में आने वाले बड़े बदलावों की चर्चा कर रहे थे। आखिरकार आज वो दिन आ ही गया जब पीएम मोदी ने BRICS सम्मेलन में जाने से पहले कैबिनेट में फेरबदल कर ही दिया।

बता दें कि, इस देश में रक्षामंत्री की कमान एक बार फिर से एक महिला के हाथ दे दी गयी है। इससे पहले इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। निर्मला सीतारमण को अरुण जेटली की जगह रक्षा मंत्री बनाया गया है। आज मोदी कैबिनेट का तीसरी बार फेरबदल कर विस्‍तार हुआ, इसके तहत चार मंत्रियों को प्रमोशन मिला तो वहीं नौ नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया गया।

निर्मला कैबिनेट में अभी तक वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कार्य संभाल रही थी।  निर्मला ने जेएनयू से अपनी पढ़ाई पूरी की है।

भाजपा का राज दक्षिण भारतीय राज्‍यों पर अधिक है, इस लिहाज से निर्मला सीतारमण का प्रमोशन काफी अहम माना जा रहा है। उनके अलावा केरल से अल्‍फांसो कन्‍नथनम को भी इसी मिशन के तहत मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

2006 में भाजपा में शामिल हुईं निर्मला सीतारमण की छवि एक बौद्धिक महिला के रूप में रही है। जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उन्‍होंने पार्टी के प्रवक्‍ता के रूप में बेहतरीन छाप छोड़ी थी।

फिर धीरे-धीरे उन्‍होंने अपनी पहचान और मजबूत बनाई और अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापारिक बातचीत एवं समझौतों में सीधे दखल देने लगीं। डोकलाम विवाद के दौरान वह हाल में ब्रिक्‍स बैठक में हिस्‍सा लेने चीन भी गई हुई थीं।

तमिलनाडु के मदुरै में जन्मीं निर्मला ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री ली थी।  फिर उन्होंने ‘जीएटीटी के दायरे में भारत यूरोपीय कपड़ा व्यापार’ में पीएचडी तथा एमफिल किया। बेहद सरल स्वभाव की निर्मला का पसंदीदा विषय ‘वैश्वीकरण और विकासशील देशों पर उसका असर’ था।

बता दें कि निर्मला ने उन्होने अमेरिका में वीजा नियमों में सख्ती से भारतीय कंपनियों और खासतौर पर आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रभावित होने को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की चिंता को असरदार तरीके से रखने का काम किया था।

 

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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