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दीदी के किले में लगेगी सेंध, भाजपा में शामिल होंगे दिनेश त्रिवेदी!

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के मजबूत किले में सेंध लगती नजर आ रही है। तृणमूल के वरिष्ठ नेता और ममता सरकार में मंत्री रहे मंजुल कृष्ण ठाकुर के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी की कई और दिग्गज नेताओं का भाजपा की तरफ झुकाव बढ़ने की चर्चाएं जोर पकड़ चुकी हैं। ठाकुर के बाद जिस तृणमूल नेता के पाला बदलने की चर्चाएं तेज हैं, उनमें पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का नाम प्रमुख है। सूत्रों का कहना है कि दीदी से नाराज व पार्टी में अपनी अनदेखी से असंतुष्ट त्रिवेदी जल्द ही भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। अटकलें हैं कि त्रिवेदी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लगातार संपर्क में हैं।

गौरतलब है कि त्रिवेदी के तृणमूल छोड़ने की खबरों ने तब जोर पकड़ लिया जब अपने गुजरात दौरे के दौरान त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। त्रिवेदी मूल रूप से गुजरात के ही रहने वाले हैं और पिछले दिनों वह गुजरात गए थे। वहां स्थानीय मीडिया से बातचीत में उन्होंने मोदी के विजन की खासी तारीफ की। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह हर हाल में पश्चिम बंगाल में भाजपा का किला और मजबूत करना चाहते हैं। इसके लिए वह प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। इसी रणनीति के तहत ही मंगलवार को शाह प्रदेश के बर्दमान जिले में पहुंचे, जहां जनसभा में उन्होंने न सिर्फ तृणमूल सरकार पर करारा हमला किया, बल्कि आगामी चुनाव में भाजपा के आने का ऐलान तक कर दिया।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को शापला (पानी में उगने वाला एक पौधा) उगाने की क्षमता भी नहीं है वे बंगाल में कमल खिलाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का प्रचार केवल दुष्प्रचार पर आधारित है।

आधा दर्जन से ज्यादा नेता भाजपा के संपर्क में : त्रिवेदी अकेले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनसे भाजपा संपर्क में है। बताया जाता है कि तृणमूल के तकरीबन आधे दर्जन से ज्यादा नेता भाजपा के संपर्क में हैं और बातचीत जारी है। सूत्रों के मुताबिक, त्रिवेदी के अलावा जिन और नामों की चर्चा है, उनमें तृणमूल सरकार में मंत्री मनीष गुप्ता, राजपाल सिहं, रविरंजन चटर्जी, पूर्व मंत्री कृर्ष्णेन्दु चौधरी, राज्य के मिदनापुर इलाके में वर्चस्व रखने वाले पिता पुत्र की जोड़ी सांसद व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री शिशिर अधिकारी व सांसद शुभेंदु अधिकारी, विधायक अर्जुन सिंह, सव्यसांची दत्ता व साधन पांडे शामिल हैं। इनमें से कुछ नेताओं के मंगलवार को ही भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन शाह का कार्यक्रम होने के चलते इनका कार्यकम टल गया। अटकलें हैं कि जल्द ही यह लोग औपचारिक रूप से भाजपा का दामना थाम सकते हैं।

ममता से नाराजगी बनी असंतोष की वजह : तृणमूल नेताओं द्वारा बड़े पैमाने पर पार्टी छोड़े जाने के पीछे कई वजह हैं। असंतुष्टों की माने तो शारदा घोटाले के कारण पार्टी और नेताओं की छवि को जबरदस्त चोट पहुंची है। एक असंतुष्ट नेता का कहना है कि घोटाले के चलते अब लोगों के बीच अपनी साख बचाना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, पार्टी में अराजक तत्वों का बढ़ता वर्चस्व और ममता बनर्जी की जरूरत से ज्यादा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति से भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं। इसके अलावा, प्रदेश में भाजपा, खासकर नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों की बढ़ती दिलचस्पी भी इसकी एक नजह बताई जा रही है।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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