Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दिल्ली सरकार ने वापस लिया ऑड-ईवन फैसला, मंजूर नहीं थीं एनजीटी की शर्तें

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ रहे स्मॉग कहर पर रोक लगाने के मकसद से प्रस्तावित वाहनों के ऑड-ईवन फॉर्मूले पर दिल्ली सरकार और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) आमने-सामने है।

बता दें, कि पहले जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने 13-17 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम लागू करने का फैसला लिया था तो एनजीटी उनके इस फैसले से नाराज हो गया था। इसके बाद शनिवार को जब एनजीटी ने कुछ शर्तों के साथ स्कीम लागू करने की इजाजत दे दी तो सरकार ने अपना फैसला ही वापस ले लिया।

एनजीटी की शर्तों की वजह से बदला फैसला-

एनजीटी ने ऑड-ईवन स्कीम पार्ट-2 में महिलाओं, आधिकारियों और दुपहिया वाहनों को छूट न देने की शर्त लगाई थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है और 13 नवंबर से प्रस्तावित ऑड-ईवन स्कीम लागू न करने का निर्णय लिया।

दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो NGT से महिलाओं और टू-व्हीलर्स को ऑड-ईवन के दायरे से बाहर रखने की मांग करेगी। ताकि महिलाओं की सुरक्षा पर कोई आंच न आए।

इस संबंध में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली में डीटीसी से हर रोज 30 लाख पेसेंजर ट्रैवल करते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 66 लाख टू-व्हीलर हैं, ऐसे में अगर 50 फीसदी बाइक सड़क से हटती हैं तो 3500 बस लानी पड़ेंगी, जो संभव नहीं है।

ये थी शर्तें-

एनजीटी ने शर्त रखी की ऑड ईवन स्कीम से दोपहिया वाहनों के अलावा महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों को भी राहत नहीं दी जाएगी। मतलब अब इन्हें भी फॉर्मूले के हिसाब से ही घर से निकलना होगा। बता दें कि राजधानी में 66 लाख दोपहिया वाहन हैं।

एनजीटी ने अपने फैसले से वीआईपी लोगों को भी बाहर नहीं रखा है लेकिन इमरजेंसी वाहनों को इससे छूट दी गई है। साथ ही दिल्ली सरकार को राजधानी में पार्किंग शुल्क 4 गुना तक करने पर विचार करने के लिए भी कहा है।

ट्रिब्यूनल में सुनवाई के बाद बाहर आए डीडीए के काउंसलर राजीव बंसल ने कहा है कि दिल्ली में अब ऑड ईवन ऑटोमेटिकली लागू होगा। मसलन अगर पीएम 10 का स्तर 500 के ऊपर और पीएम 2.5 का स्तर 300 के ऊपर जाता है तो यह 48 घंटे के भीतर इसकी समीक्षा की जाए और इसे ऑड ईवन ऑटोमेटिकली लागू हो जाएगा।

 

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

Continue Reading

Trending