मुख्य समाचार
दिग्गज अभिनेता ओम पुरी का दिल का दौरा पडऩे से निधन
मुंबई। दिग्गज अभिनेता ओम पुरी नहीं रहे। शुक्रवार सुबह अपने घर में दिल का दौरा पडऩे से उनका निधन हो गया। वह 66 साल के थे। उनके एक पारिवारिक मित्र ने अभिनेता के निधन की पुष्टि की। ओम पुरी की गिनती समानांतर सिनेमा के प्रमुख कलाकारों में की जाती है। उन्होंने साथ ही कई व्यावसायिक फिल्मों में भी काम किया। वह हाल तक फिल्मों में सक्रिय रहे।
फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री उन्हें अपनी अगली फिल्म में लेने वाले थे। उन्होंने फोन पर कहा, “यह बहुत दुखद समाचार है। ओम पुरी जी का आज सुबह दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। वह अपने घर में थे।” अग्निहोत्री ने कहा, “भारतीय फिल्म उद्योग में उन्होंने बेहतरीन काम किया। उन्होंने वाणिज्यिक व सामानांतर सिनेमा की कई बेहतरीन फिल्में दीं। हमने एक बड़ी प्रतिभा खो दी।”
ओम पुरी के मित्र अभिनेता अनुपम खेर ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले ही उनसे बात की थी। ओम पुरी के निधन की खबर से वह सदमे में हैं। उन्हें इस बारे में फिल्मकार अशोक पंडित से पता चला। उन्होंने ओम पुरी को ‘उदार’ बताया।
ओम पुरी हिन्दी सिने जगत के साथ-साथ कई हॉलीवुड फिल्मों का भी हिस्सा रहे। उनकी गिनती समानांतर सिनेमा के प्रमुख कलाकारों में की जाती है। कई फिल्मी पुरस्कार हासिल कर चुके ओमपुरी को ‘आरोहण’ और ‘अर्ध सत्य’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने ‘ईस्ट इज ईस्ट’ और ‘सिटी ऑफ जॉय’ जैसी अंग्रेजी फिल्में भी कीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी के निधन पर शोक जताया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार सुबह किए गए ट्वीट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने ओम पुरी के निधन पर शोक जताया और थिएटर एवं फिल्मों में उनके योगदान को याद किया।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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