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मुख्य समाचार

कला में कामयाबी के लिए कोई नियम नहीं : ओम पुरी

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मुंबई। पिछले चार-दशकों से मनोरंजन की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले अनुभवी अभिनेता ओम पुरी का मानना है कि मनोरंजन-जगत में सफलता पाने का कोई निश्चित नियम नहीं है।

ओम पुरी ने कास्टिंग निर्देशक मनोज रमोला की नई किताब ‘ऑडिशन रूम’ का समर्थन करते हुए कहा कि यह किताब महत्वाकांक्षी कलाकारों को गलैमर की दुनिया की समझ प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास कलाकारों को मनोरंजन-जगत का स्पष्ट दृष्टिकोण पाने में मदद करेगी।

ओम पुरी ने कहा, “किताब ‘ऑडिशन रूम’ एक नया कदम है। यह अच्छा है कि किताब लोगों का मार्गदर्शन करेगी।” उन्होंने कहा कि कला की तलाश के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है, लेकिन दिशा-निर्देशों का हमेशा स्वागत करना चाहिए। फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ के अभिनेता ने कहा कि फिल्म-जगत में युवतियों के लिए मुश्किल है क्योंकि यहां उन्हें लक्ष्य प्राप्त करने का लालच दिया जाता है।

ओम पुरी ने कहा, “मैं पूरी इंडस्ट्री के बारे में नहीं कह रहा हूं लेकिन यहां कुछ लोग हैं जो लड़कियों को गुमराह करते हैं। यह किताब उन लड़कियों को सही रास्ता दिखाएगी और वह सही ढंग से चुनौतियों का सामना कर पाने में सक्षम होंगी।” ‘ऑडिशन रूम’ विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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