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मुख्य समाचार

‘तमिलनाडु सरकार को राजीव हत्याकांड के दोषियों की रिहाई का अधिकार नहीं’

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नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि तमिलनाडु सरकार को केंद्र सरकार से विचार-विमर्श किए बिना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश के दोषियों की रिहाई और उनकी सजा कम करने का अधिकार नहीं है। सर्वोच्च न्ययालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार की सहमति से ही दोषियों को रिहा और उनकी सजा कम कर सकती है, क्योंकि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की है और इसका मुकदमा भी सीबीआई ने ही चलाया।

न्यायालय ने यह बात तीन न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा उसके समक्ष रखे गए सात सवालों के जवाब में कही।

कानून से संबंधित एक सवाल के जवाब में न्यायालय ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या की साजिश के दोषियों की सजा कम करने और उनकी रिहाई से संबंधित तमिलनाडु सरकार के फैसले की वैधता की जांच तीन न्यायाधीशों की एक पीठ करेगी।

जघन्य अपराध के मामले में न्यायालय ने बहुमत से फैसला दिया कि यह आजीवन करावास की सजा दे सकता है, जिसका अर्थ बिना किसी राहत के जीवनभर कैद है।

नेशनल

628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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