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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप नया यात्रा प्रतिबंध जारी करने को तैयार

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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन सीरियाई शरणार्थियों पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा है, जिसे इस सप्ताह आव्रजन पर जारी किए जाने वाले राष्ट्रपति के एक नए कार्यकारी आदेश में शामिल किया जा सकता है। ट्रंप ने अपने वास्तविक आदेश में सात मुस्लिम देशों इराक, सीरिया, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों के अगले 90 दिनों तक अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही सभी शरणार्थियों के भी 120 दिनों तक अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध था। लेकिन इस आदेश पर अदालत ने रोक लगा दी थी।

एसबीसी न्यूज के मुताबिक, नए मसौदे में सात मुस्लिम देशों के ग्रीन कार्ड धारकों को छूट दी गई है और दोहरी नागरिकता वाले नागरिकों को भी छूट दी गई है।

रपटों के मुताबिक, ट्रंप के अस्थाई यात्रा प्रतिबंध के संशोधित मसौदे को मंगलवार को जारी किया जा सकता है। घरेलू सुरक्षा मंत्री जॉन केली ने कहा, “राष्ट्रपति अधिक सख्त और सुव्यवस्थित र्कायकारी आदेश जारी करने जा रहे हैं।”

इस नए कार्यकारी आदेश में ट्रंप के पहले आदेश पर नौवीं सर्किट संघीय अपीली अदालत की चिंताओं का भी निवारण किया जाएगा। गौरतलब है कि ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध आदेश पर नौवीं सर्किट संघीय अपीली अदालत ने रोक लगा दी थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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