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अन्तर्राष्ट्रीय

मेलानिया ने ट्रंप की ऐसी बेइजती की, किसी को नहीं हुआ यकीन

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लंदन। दुनिया का सबसे ताकतवर राष्ट्रपति भी पत्नी के सामने पनाह मांगता नजर आता है। पढक़र भले ही यकीन न हो लेकिन यह सच है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया। लगातार दूसरे दिन मेलानिया ने पब्लिकली ट्रंप की ऐसी बेइजती की कि किसी को यकीन नहीं हुआ।

राष्ट्रपति ट्रंप पत्नी मेलानिया के साथ मंगलवार को रोम के फ्युमिसिनो एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरफोर्स वन से उतरते वक्त सीढिय़ों पर कदम रखते हुए ट्रंप ने पत्नी का हाथ पकडऩे की कोशिश की लेकिन मेलानिया ने चतुरता के साथ उन्हें झिडक़ दिया। मेलानिया ने ट्रंप के हाथ में हाथ देने की बजाय बालों को संवारना शुरू कर दिया। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप मेलानिया की पीठ पर हाथ रखकर आगे बढ़ गए।

यह वाकया पहला नहीं है। सोमवार को जब ट्रंप सऊदी अरब के बाद अपने अगले दौरे के तहत इजरायल पहुंचे, तो यहां की राजधानी तेल अवीव के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमान से नीचे उतरते समय उनकी पत्नी मेलानिया उनके साथ चल रही थीं। विमान से नीचे उतरने के बाद ट्रंप अपनी पत्नी से महज कुछ कदम आगे थे। उन्होंने पीछे चल रही मेलानिया का हाथ पकडऩे के लिए उनकी ओर अपनी हथेली बढ़ाई, लेकिन मेलानिया ने उनका हाथ नहीं पकड़ा और उसे झटक दिया।

इन दोनों ही घटनाओं के बाद ज़ोर शोर से इस बात की चर्चा है कि ट्रंप और मेलानिया के बीच अनबन चल रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी का ये अजीब पल कैमरे में कैद होकर सोशल मीडिया पर भी वायरल हैं।

बता दें कि मेलानिया ट्रंप की डोनल्ड ट्रंप की तीसरी पत्नी हैं और उनसे उम्र में 23 साल छोटी है। दोनों की शादी साल 2005 में हुई थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप तथा उनकी पत्नी मेलानिया का विवाह 12 साल पहले हुआ था, और उनका एक 11-वर्षीय बेटा बैरन है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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