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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्यूनीशिया : संग्रहालय हमले में घायलों से मिले राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री

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ट्यूनिस, | ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति बेजी कायद इसेब्सी और प्रधानमंत्री हबीब इसीद ने राजधानी ट्यूनिश में स्थित बारडो संग्रहालय में हुए आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। राजधानी में हुए इस हमले में 19 लोगों की मौत हो गई थी। ट्यूनीशियाई समाचार एजेंसी टैप के मुताबिक, एसेब्सी और इसीद ने बुधवार को घायलों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री के साथ इस दौरान सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल भी था जिसमें स्वास्थ्य, रक्षा, संस्कृति और न्याय मंत्री शामिल थे।

दो हथियारबंद आतंकवादियों ने बुधवार को बोरडो संग्रहालय पर हमला कर दिया था। एक अधिकारी ने बतााया कि इस हमले में जापान, आस्ट्रेलिया, इटली, कोलंबिया, फ्रांस, पोलैंड और स्पेन से आए 17 पर्यटकों की मौत हो गई थी, इसके अलावा एक पुलिसकर्मी समेत दो ट्यूनीशियाई नागरिकों की भी मौत हो गई थी।

बीबीसी की खबर के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने दो बंदूकधारियों को मार गिराया है लेकिन अभी उनके अन्य साथियों की तलाश जारी है।

अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को मिलाकर 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

राष्ट्रपति इसेब्सी ने कहा कि देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “दैत्य प्रवृत्ति वाले ये अल्पसंख्यक हमें डरा नहीं सकते।

उन्होंने कहा, “हम बिना किसी दया के पूरी तरह से उनका खात्मा करेंगे। लोकतंत्र की जीत होगी और वह जीवित रहेगा।”

प्रधानमंत्री इसीद ने कहा, “हमारे इतिहास में यह बहुत बुरा वक्त है और हमारे भविष्य के लिए यह निर्णायक क्षण है।”

हमले के समय संग्रहालय के पास स्थित संसद की इमारत में प्रतिनिधि आतंकवाद रोधी कानून पर चर्चा कर रहे थे।

संसद को पहले खाली करा लिया गया था लेकिन बाद में शाम के सत्र के लिए दोबारा से संचालित की गई थी।

इस हमले के विरोध में कई ट्यूनीशियाई लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने संग्रहालय के बाहर मोमबत्तियां जलाईं और झंडे लहराए।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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