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ट्यूनीशिया में हमला लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने वाला : राजदूत
नई दिल्ली। भारत में ट्यूनीशिया के राजदूत ने गुरुवार को कहा कि ट्यूनीशिया में आतंकवादी हमले में 19 लोगों के मारे जाने की घटना उत्तरी अफ्रीकी देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने वाला कदम है। घटना की कड़ी निंदा करने के लिए उन्होंने भारत का आभार जताया। भारत में ट्यूनीशिया के राजदूत तारेक अजॉज ने कहा कि उनके देश के सुरक्षाबल बारदो संग्रहालय पर हुए हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के प्रयास में लगे हैं। ट्यूनीशिया आने वाले पर्यटक इस मशहूर संग्रहालय को देखने जरूर पहुंचते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सैनिकों के वेश में आतंकवादियों का एक समूह संग्रहालय में घुसा और गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें इटली, जर्मनी, पोलैंड व स्पेन के 17 यूरोपीय पर्यटक मारे गए। हमले में दो ट्यूनिशाई नागरिक भी मारे गए, जबकि 22 लोग घायल हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि हमले के पीछे कौन हो सकते हैं, तारेक ने कहा, “सुरक्षाबल यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमले के पीछे कौन हैं। वे उन लोगों की नागरिकता का पता कर रहे हैं। काफी वक्त से वे ट्यूनीशिया में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने में लगे हैं।”
भारत से किसी तरह का समर्थन मिलने के बारे में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की कड़ी निंदा की है और अपना समर्थन जताया है।” उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता बेहद जरूरी है। भारत एक शांतिपसंद तथा दोस्ताना देश है। तारेक ने कहा, “आतंकवादी पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं। पर्यटन ट्यूनीशिया का मुख्य उद्योग है। ट्यूनीशिया में प्रतिवर्ष 70 लाख पर्यटक आते हैं और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान सात फीसदी है। बारदो संग्रहालय दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण रोमन अवशेष है और इसे देखने दुनिया भर के पर्यटक पहुंचते हैं।” फ्रांस में हुए आतंकवादी हमले के दो महीने बाद ट्यूनीशिया में हमला सामने आया है।
नेशनल
अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले ने पकड़ा तूल, महाराष्ट्र युवा कांग्रेस और 16 अन्य के खिलाफ केस दर्ज
मुंबई। गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में महाराष्ट्र युवा कांग्रेस और 16 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई है। एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में मुंबई बीजेपी के पदाधिकारी प्रतीक करपे ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि शाह का फर्जी वीडियो आरोपी व्यक्तियों द्वारा उन्हें बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से व्यापक रूप से साझा किया गया था। शिकायत के अनुसार, फर्जी वीडियो में शाह को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण अधिकारों में कटौती की घोषणा करते हुए दिखाया गया है। हालांकि, करपे ने कहा कि मूल वीडियो, जहां से यह फर्जी वीडियो बनाया गया है, उसमें पूरी तरह से अलग शब्द और अर्थ हैं।
आरोपी व्यक्तियों ने भाषण का डीप फेक वीडियो बनाया और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत डीप फेक वीडियो को हटाना चाहिए और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए, जिन्होंने इसे विभिन्न जातियों में व्यवधान, दुश्मनी और नफरत पैदा करने के इरादे से साझा किया।
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