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अन्तर्राष्ट्रीय

जापान : प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की, शीर्ष पदों में बदलाव नहीं

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टोक्यो। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने बुधवार को प्रधानमंत्री शिंजो अबे के मंत्रिमंडल में फेरबदल कर इसमें 10 नए चेहरे शामिल करने की घोषणा की। शीर्ष पदों में कोई फेरबदल नहीं की गई है।

मंत्रिमंडल के 19 पदों में से उप प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री टारो असो, विदेश मंत्री फुमियो किशिदा, रक्षा मंत्री जेन नकातनी, मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा और आर्थिक मंत्री अकीरा अमारी अपने पदों पर बरकरार हैं।

इनके अलावा स्वास्थ्य, श्रम एवं कल्याण मंत्री यासूहिसा शियोजाकी, आंतरिक मामले और संचार मंत्री तकैची सने, स्थानीय अर्थव्यवस्था पुनर्जीवन प्रभारी मंत्री शिगेरु इशिबा और 2020 के टोक्यो ओलंपिक व पैरालंपिक प्रभारी मंत्री तोशियाकी एंडो भी अपने पदों पर बने हुए हैं।

शिंजो ने सुबह में अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के अधिकारियों और शीर्ष पांच अधिकारियों में भी फेरबदल किया। उप राष्ट्रपति मासाहिको कोमुरा, महासचिव सदाकाजु तानीगाकी, नीति अनुसंधान परिषद की अध्यक्ष टोमोमी इनदा, जनरल परिषद के अध्यक्ष तोशीहिरो निकाई और चुनाव रणनीति समिति के अध्यक्ष तोशीमितसू मोतेगी अपने पदों पर कायम हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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