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अन्तर्राष्ट्रीय

जर्मन संस्करण शुरू करने जा रहा ‘शार्ली हेब्दो’

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जर्मन संस्करण शुरू करने जा रहा 'शार्ली हेब्दो'

पेरिस | व्यंग्यात्मक फ्रांसीसी साप्ताहिक ‘शार्ली हेब्दो’, जिसके पेरिस कार्यालय को जनवरी 2015 में जिहादियों द्वारा निशाना बनाया गया था, दिसंबर में एक जर्मन संस्करण शुरू करने जा रहा है। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के अुनसार, शार्ली हेब्दो की प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि पत्रिका 2015 में हुए हमले के बाद मिले समर्थन के आभार स्वरूप अगले सप्ताह जर्मन भाषा में दो लाख प्रतियां छापेगी।

जर्मन संस्करण एक दिसंबर को शुरू होगा और उसमें मुख्य रूप से फ्रांसीसी भाषा से अनूदित लेख और कार्टून्स होंगे।

प्रवक्ता ने कहा, संपादक जर्मन कार्टूनिस्टों के साथ समन्वय करके जर्मन सामग्री छापने पर भी विचार कर रहे हैं।

जर्मन संस्करण की कीमत चार यूरो होगी और यह पूरे जर्मनी में उपलब्ध होगा।

जर्मनी के नागरिकों ने ‘शार्ली हेब्दो’ के जीवित बचे संपादकीय कर्मचारियों द्वारा हमले के एक सप्ताह बाद प्रकाशित संस्करण की 70,000 प्रतियां खरीदी थीं।

करीब दशक भर पुरानी पत्रिका के पेरिस में स्थित कार्यालयों पर हुए हमले में फ्रांस के कुछ विख्यात कार्टूनिस्टों समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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