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अन्तर्राष्ट्रीय

जर्मनी में रात बिताने के लिए एक अदद कमरे के लिए तरसे ट्रंप

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हैम्बर्ग। दुनिया भर में अमेरिका की धाक जताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब जी -20 बैठक में भाग लेने के लिए जर्मनी पहुंचने पर उन्हें रात गुजारने के लिए किसी होटल में जगह ही नहीं मिली।

बता दें कि शुक्रवार को जर्मनी के हैम्बर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन का पहला दिन था। इसी दौरान एक बड़ी ही चौंका देने वाली खबर सामने आई। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप विदेश में बेघर हो गए। ट्रंप को वहां ठहरने के लिए एक अदद होटल तक नहीं मिल पाया।

बता दें कि इसके पीछे गलती ट्रंप के स्टाफ की थी क्योंकि उन्होंने होटल बुक कराने में देरी कर दी और बाद में उन्हें वहां होटल मिलना मुश्किल हो गया।

हालांकि ट्रम्प शहर के फोर सीजनज नामक होटल में रहना चाहते थे लेकिन सऊदी प्रतिनिधिमंडल ने इस होटल के सभी 156 कमरे बुक करा लिए। शहर के अन्य पांच सितारा होटलों में भी अन्य देशों के प्रतिनिधियों का कब्जा रहा। फाइव स्टार होटल पार्क हयात होटल में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनका प्रतिनिधिमंडल रुका था तो ली मीरीडयान ब्रिटिश प्रधानमंत्री के हिस्से में आया।

हालात इतने बदतर हो गए कि अभी ट्रंप हैम्बर्ग के सीनेट हाउस में ठहरे हैं और उनका स्टाफ शहर में स्थित अमेरिकी वाणिज्यिक दूतावास में ठहर रहा है। खास बात यह है कि खुद डोनाल्ड ट्रंप कई होटलों के मालिक हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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