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अन्तर्राष्ट्रीय

जर्मनी, मध्य एशिया का दौरा करेंगे बान

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संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून जर्मनी और मध्य एशिया का दौरा करेंगे। इस दौरान वह कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में शिरकत करेंगे और जर्मनी तथा पांच मध्य एशियाई देशों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक को शुक्रवार को दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जर्मनी दौरे पर बान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, जिनमें ग्रुप7 के शिखर सम्मलेन के दौरान आतंकवाद तथा विकास संबंधी मुद्दे पर होने वाली बैठक भी शामिल है। वह जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और विदेश मंत्री फरैंक-वाल्टर स्टनमियर के साथ भी मुलाकात करेंगे।

बान मंगलवार को तजाकिस्तान का दौरा करेंगे, जहां वह उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

तजाकिस्तान की राजधानी दुशानबे में बान राष्ट्रपति एमोमाली रहमान से मिलेंगे और लेक सारेज का दौरा करेंगे।

10 जून को बान कजाकिस्तान का दौरान करेंगे और लीडर्स आफ वर्ल्ड एंड ट्रेडिशनल रिलिजंस के पांचवें सम्मलेन में शामिल होंगे और राष्ट्रपति नुरसुल्तान नजरबायेव तथा प्रधानमंत्री करीम मासिमोव सहित देश के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।

बान इसके बाद किर्गिस्तान का दौरा करेंगे, जहां वह गुरुवार को डेवलपमेंट ऑफ पार्लियामेंटेरियन के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन में हिस्सा लेंगे।

वह इस दौरान किर्गिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष से मुलाकात करेंगे और ओश शहर का दौरा करेंगे।

शुक्रवार को बान उज्बेकिस्तान पहुंचेंगे और वहां के शीर्ष अधिकारियों, राष्ट्रपति तथा विदेश मंत्री से मुलाकात करने के बाद अपने दौरे के आखिरी पड़ाव तुर्कमेनिस्तान पहुंचेंगे।

महासचिव तुर्कमेनिस्तान में राष्ट्रपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। तुर्कमेनिस्तान में वह इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फॉर ह्युमेनिटेरियन एंड डेवलपमेंट के शिक्षक तथा विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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