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अन्तर्राष्ट्रीय

जब तक पाकिस्तान आतंकवाद नहीं छोड़ता, तब तक दोनों देशों के राजनयिक संबंध बेहतर नहीं हो सकते: एस. जयशंकर

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नई दिल्ली। पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है। जब तक पड़ोसी मुल्क आतंकवाद को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता रहेगा तब तक दोनों देशों के राजनयिक संबंध बेहतर नहीं बन सकते। भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कि पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है। एस. जयशंकर का कहना था कि हम पाकिस्तान से बातचीत से इनकार नहीं कर रहें पर हम उन शर्तों पर बातचीत नहीं करेंगे जहां पाकिस्तान आतंकवाद को वैध मानने की पैरोकारी कर रहा है। पाकिस्तान की ओर से हाल के महीनों में बातचीत की आवाजें आती रहीं हैं। ऐसे में विदेश मंत्री का यह बयान काफी महत्तवपूर्ण है।

विदेश मंत्री ने चीन के साथ संबंधों पर भी खुल कर बातचीत की है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए, इस मुद्दे पर गहरा मतभेद रहा। मोदी सरकार के दौरान चीन के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि हमारी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल की शुरू की गई रणनीति के लिहाज से काम कर रही है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने चीन के साथ ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। विदेश मंत्री ने भारत और चीन के बीच पारस्परिक सहयोग को भी मान्यता देने पर जोर दिया। जयशंकर का कहना था कि इसके बगैरइस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा. चीन के मुद्दे पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रहा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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