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जनता को गुमराह कर रहे अखिलेश-राहुल : अरुण जेटली

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जनता को गुमराह कर रहे अखिलेश-राहुल : अरुण जेटली

लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करने लखनऊ पहुंचे केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एक साथ मिलकर देश को गुमराह कर रहे हैं। लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जेटली ने कहा कि राहुल का यह कहना कि केंद्र सरकार ने देश के 50 उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया है, यह सरासर गलत है।

जेटली ने कहा, “26 मई, 2014 के बाद केंद्र सरकार ने किसी भी उद्योगपति का एक रुपया कर्ज माफ नहीं किया है। यह सब बोलने से पहले राहुल को सत्यता का पता लगा लेना चाहिए। या तो फिर वे जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश के मुख्मयंत्री अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि अखिलेश का यह कहना कि केंद्र सरकार ने राज्य को उसके हिस्सा का पैसा नहीं दिया है, पूरी तरह से गलत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “केंद्र और राज्य के संबंधों के बीच जो राज्य का 42 फीसदी हिस्सा है, वह उससे कोई नहीं छीन सकता। बाकी 58 प्रतिशत सभी राज्यों में बांटा जाता है। केंद्र ने उप्र सरकार से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया है। केंद्र ने अपनी तरफ से अखिलेश सरकार की पूरी मदद की है। अगर अखिलेश भेदभाव का आरोप लगाते हैं तो इसका मतलब है, वह अपनी नाकामी को छिपा रहे हैं।”

कांग्रेस-सपा गठबंधन को लेकर अरुण जेटली ने तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि यह एक अवसरवादी और अपवित्र गठबंधन है।

जेटली ने कहा, “डॉ. राम मनोहर लोहिया जैसे बड़े समाजवादियों ने जीवन भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उनके खिलाफ बड़ा जनांदोलन खड़ा किया। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने उनकी राह से हटकर कांग्रेस के साथ ही गठबंधन कर लिया। यह एक अवसरवादी गठबंधन नहीं तो और क्या है।”

राहुल गांधी की किसान यात्रा पर तंज कसते हुए जेटली ने कहा कि एक नेता देवरिया से दिल्ली तक यात्रा निकालते हैं और कहते हैं कि 27 साल उप्र बेहाल। अगले ही दिन वह सरकार के पाले में खड़े हो जाते हैं और उनके नारे की कोई अहमियत नहीं रह जाती।

नोटबंदी को लेकर जेटली ने कहा कि अब लोगों को पहले से अधिक सहूलियतें मिल रही हैं और लोग इसके समर्थन में हैं।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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