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मुख्य समाचार

जंगली कंद-मूल से बन रहे सौंदर्य उत्पाद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के जनजातीय अंचल बस्तर में पाए जाने वाले कुछ जंगली कंद-मूल से सौंदर्य उत्पाद, बेबीफूड, कैप्सूल का खोल तथा साबूदाना बनाया जा रहा है। यहां उत्पादित तीखुर का विदेशों में भी निर्यात हो रहा है। यहीं से कच्चा माल ले जाकर पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में साबूदाना बनाया जाता है।

बस्तर में पाए जाने वाले कोचई, तीखुर, जिमिकंद, शकरकंद, मिश्रीकंद, रतालू और केऊ कांदा से सौंदर्य उत्पाद और बेबी फूड बनाया जाता है और सिमलीकांदा से साबूदाना बनाया जाता है। तीखूर का विदेशों में निर्यात भी होता है।

बस्तर में आज भी कंदीय फसलों को कौड़ी के भाव खरीदकर उसे सौंदर्य उत्पाद बनाकर काफी महंगी कीमत वसूली जाती है। इस पर शोध भी किया गया है। पिछले साल केंद्रीय फसल शोध संस्थान के वैज्ञानिकों ने बस्तर में डेरा डाला था।

शोध संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आर.एस. मिश्रा और वैज्ञानिक डॉ. एम. नेंदूचेझियन ने स्वीकार किया कि बस्तर के नारायणपुर जिले सहित अन्य हिस्सों में तीखुर का उत्पादन होता है। देश के कुछ बड़े व्यापारी इसे खरीदते हैं और इसका सौंदर्य उत्पाद बनाने में उपयोग करते हैं। ये उत्पाद मुंबई तथा गुजरात बंदरगाहों के माध्यम से विदेश भी भेजा जाता है।

दरअसल, तीखुर (क्यूरक्यूमा अंजस्टिफोरा) देश में केवल छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा बिहार में ही होता है। वहीं कुछ क्षेत्रों में जिमीकंद, कोचई, शकरकंद, मिश्रीकंद, सिमलीकंद, रसालू और केऊनकंदा भी मिलता है। इनमें स्टार्च अधिक होने के कारण सौंदर्य उत्पाद और बेबीफूड बनाए जाते हैं। यही नहीं, उद्योग में भी इनकी बहुत मांग है। इनसे मिलने वाले स्टार्च से दवाइयों यानी कैप्सूल का खोल तैयार किया जाता है। स्टार्च के पानी में घुलनशील होने के कारण इसका मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ता।

डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि बस्तर से कई ट्रक सिमलीकांदा आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के पेद्दापुरम की फैक्ट्रियों में भेजा जाता है। वहां उससे साबूदाना बनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि कंद में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट व कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जिससे मानव शरीर को ऊर्जा मिलती है। जंगल में कंद-मूल आसानी से मिल जाते हैं। अब छत्तीसगढ़ सरकार भी बेहतर तरीके से इसके उत्पादन करने पर विचार कर रही है।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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