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छत्तीसगढ़ : महाभारत कालीन दुर्लभ मूर्तियां मिलीं

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रायपुर। छत्तीसगढ़ का संबंध श्रीराम के ननिहाल, उनके वनगमन का मार्ग होने की लगभग पुष्टि हो चुकी है। वहीं छग का संबंध महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है। मनिहारी नदी में कर्ण और अर्जुन की मूर्ति भी मिल चुकी है। इधर, राजिम के पास उत्खनन से केशी-वध प्रसंग की मूर्ति मिली है। केशी, कंस का अंतिम योद्धा था, उसे कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए भेजा था।

छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम के सीताबाड़ी में पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई का कार्य इन दिनों जारी है। खुदाई में पुरातात्विक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रमाण लगातार मिल रहे हैं। इसके तहत कंस के अंतिम योद्धा केशी-वध प्रसंग की मूर्ति भी मिली। यह मूर्ति छत्तीसगढ़ में अत्यंत दुर्लभ है। पुरातत्वविद् डॉ. अरुण शर्मा का कहना है कि ऐसी मूर्तियां पूरे छत्तीसगढ़ में संभवत: एक या दो ही उपलब्ध हैं। खुदाई में पंचमुखी नागराज और बच्चा गोद में लिए महिला की मूर्ति भी मिली है।

उन्होंने बताया कि खुदाई में कृष्ण की केशी-वध की प्रतिमा मिली है। प्रतिमा दो फीट ऊंची, डेढ़ फीट चौड़ी है। प्रतिमा के एक हाथ में शंख है, वहीं अलंकरण और केश विन्यास से पता चलता है कि यह विष्णु अवतार की प्रतिमा है। डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रतिमा का सिर नहीं है, लेकिन घोड़ा के मुंह में उनकी हथेली है, जिससे पता चलता है यह केशी-वध की कहानी है। उन्होंने बताया कि सातवाहन काल मंदिर के पहले राजिम में एक विशाल पत्थरों से निर्मित चूने की जोड़ाई वाले मौर्यकालीन मंदिर के अवशेष मिले थे। पश्चिममुखी यह मंदिर भगवान विष्णु का था।

उन्होंने केशी-वध के प्रसंग के बारे में बताया कि श्रीकृष्ण को मारने कंस ने अपने कई योद्धाओं को भेजा था, जिन्हें श्री कृष्ण ने मार दिया था। तब कंस ने अपने अंतिम योद्धा केशी को श्री कृष्ण को मारने वृंदावन भेजा था। केशी काले रंग के घोड़े का रूप धरकर उत्पात मचाने लगा। तब श्रीकृष्ण ने उसे युद्ध के लिए ललकारा। उसी दौरान कृष्ण ने अपने बाएं हाथ की हथेली उसके मुंह में ठूंस दी और हाथ का विस्तार किया, जिससे केशी की मौत हो गई। डॉ. शर्मा का कहना है कि प्रतिमा में गले में माला धारण किए कृष्ण हैं। उनके हाथ में कड़ा और लट घुंघराले हैं। प्रतिमा में साफ दिखाई दे रहा है कि घोड़े की आंखें बाहर निकली हुई हैं। ऐसी प्रतिमाएं छग में दुर्लभ ही हैं।

उन्होंने बताया कि संभवत: यह प्रतिमा 2500 वर्ष पहले की है। मूर्तिकार की कल्पना देखकर सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है कि मूर्तिकार को केशी-वध की कहानी ज्ञात थी, साथ ढाई हजार साल पहले भी उत्कृष्ट कलाकार थे। गौरतलब है कि इन दिनों छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम के सीताबाड़ी में पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई की जा रही है। इससे पहले भी यहां खुदाई में ढाई हजार साल पहले की सभ्यता मिल चुकी है। इसके अलावा सिंधुकालीन सभ्यता की तर्ज पर ही निर्मित ईंटें भी मिल चुकी हैं। वहीं यहां एक कुंड भी मिला है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से कोढ़ और चर्म रोग दूर हो जाता है।

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छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भीषण सड़क हादसा, खाई में गिरी पिकअप, 18 महिलाओं समेत 19 मजदूरों की मौत

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र में सोमवार को बहपानी गांव के पास एक पिकअप के खाई में गिर जाने से कम से कम 19 मजदूरों की मौत हो गई। मृतकों में 18 महिलाएं हैं। यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब पिकअप वाहन तेज रफ्तार में मजदूरों को लेकर जंगल से वापस लौट रहा था। इस दौरान ढाल पर ड्राइवर ने गाड़ी से नियंत्रण खो दिया और वह पलट गई। उस वक्त गाड़ी में 25 लोग सवार थे। हादसा होते ही इलाके में चीख-पुकार मच गई।

कवर्धा हादसे में लोगों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी सोमवार को अपनी संवेदना व्यक्त की। एक्स पर पोस्ट करते हुए CM साय ने कहा, ”कबीरधाम जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के बहपानी गांव के पास पिकअप पलटने से 18 ग्रामीणों की मौत और 4 के घायल होने की दुखद खबर मिल रही है। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।” जिला प्रशासन घायलों के बेहतर इलाज के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी शोक जताया और कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कवर्धा घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सड़क दुर्घटना बेहद दर्दनाक है। इस दुर्घटना में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं।”उन्होंने कहा, “इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हर संभव मदद करने में लगा हुआ है।”

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सोमवार को कवर्धा दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। भूपेश बघेल ने कहा, “यह बहुत दुखद घटना है, इसमें 19 लोगों की मौत हो गई है। ये लोग तेंदू पत्ते तोड़कर लौट रहे थे जब यह दुर्घटना हुई। हमने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है।”

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