अन्तर्राष्ट्रीय
चीन, जर्मनी नवाचार पर घनिष्ठ सहयोग को बचनबद्ध
बीजिंग, 2 जून (आईएएनएस)| चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने एक बैठक में कहा कि उनका देश जर्मनी के साथ नवाचार पर घनिष्ठ सहयोग के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ली ने यह टिप्पणी नवाचार सहयोग पर आधारित एक द्विपक्षीय संगोष्ठी के दौरान की, जिसमें जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी शामिल रहीं।
चीन और जर्मनी को नवाचार सहयोग की एक सुंदर जोड़ी करार देते हुए ली ने कहा कि इस तरह की साझेदारी ने चीन-जर्मनी व्यावहारिक सहयोग को एक उच्च स्तर पर पहुंचाया है।
ली ने कहा कि 2014 में दोनों देशों ने ‘नवाचार को एक साथ आकार’ देने नामक एक संयुक्त योजना की शुरुआत की थी, जो प्रमुख देशों के बीच विज्ञान और तकनीकी सहयोग की एक मिसाल है।
इन तीन सालों में द्विपक्षीय नवाचार सहयोग में बड़े कदम उठाए गए हैं। इनमें ‘मेड इन चाइना 2025’ योजना, ‘जर्मनी इंडस्ट्री 4.0 योजना’, ‘रिसर्च फंडिंग 2प्लस 2’ का सफल सहयोग मॉडल और विभिन्न चीन-जर्मनी औद्योगिक पार्कों का तेजी से विकास शामिल है।
मर्केल ने अपने भाषण में बाजार पहुंच को सुगम बनाने और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा में चीन के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जर्मनी, चीन के साथ काम करने के लिए तैयार है, ताकि दोनों देशों के नवाचार और उच्च-तकनीक विकास रणनीतियों के बीच तालमेल स्थापित हो सके।
उनका मानना है कि संयुक्त प्रयासों के जरिए दोनों देश आम चुनौतियों का सामना करेंगे और साझा विकास को बढ़ावा देंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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