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अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी विदेश मंत्री ने दक्षिण कोरियाई समकक्ष से मुलाकात की

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विदेश मंत्री

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विदेश मंत्रीबीजिंग। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष युन ब्युंग-सी के साथ कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। एक टेलीफोन वार्ता में वांग ने कहा कि चीन ने स्पष्ट रूप से डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) द्वारा किए गए हालिया परमाणु परीक्षण को लेकर अपना विरोध व्यक्त किया है।

वांग ने कहा, “चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर आवश्यक प्रतिक्रिया का समर्थन किया और सभी पक्षों से शांति, संयम बरतने और तनाव बढ़ाने वाली किसी भी कार्रवाई से बचने का आग्रह किया।”

उन्होंने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु मुद्दे के निपटारे के लिए जरूरी है कि सभी पक्ष बातचीत की मेज पर एक बार फिर इकट्ठे हों।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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