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अन्तर्राष्ट्रीय

चीटियों को भी लगा जंक फूड का चस्का

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न्यूयॉर्क| अगर आपको लगता है कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थो (जंक फूड) की दीवानी केवल युवा पीढ़ी ही है, तो आप मुगालते में हैं। शहरी परिवेश में रहने वाली चीटियों की कुछ प्रजातियां भी इस तरह के खाद्य पदार्थो की दीवानी हैं। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस निष्कर्ष से उस जिज्ञासा का उत्तर मिलता है कि चीटियों की कुछ प्रजातियां केवल शहरी परिवेश में ही ज्यादातर क्यों पाई जाती हैं। निष्कर्ष के लिए चीटियों के शरीर में आइसोटोप स्तर का अध्ययन किया गया।

अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना स्टेट युनिवर्सिटी के मुख्य लेखक क्लिंट पेनिक ने कहा, “हम इस बात का पता लगाना चाहते थे कि चीटियों की कुछ प्रजातियां क्यों हमारे आस-पास ही पाई जाती हैं, जबकि कुछ प्रजातियां इससे इतर मानवीय गतिविधियों से दूर वाले इलाकों में रहना पसंद करती हैं।”

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 21 प्रजातियों की 100 चीटियों पर यह अध्ययन किया, जिन्हें मैनहट्टन से फुटपाथों, पार्को व अन्य जगहों से एकत्रित किया गया।

उन्होंने कहा, “शहरी प्रजाति की चीटियों के आहार वही होते हैं, जो वहां के मानवों के आहार हैं।”

मानव सहित लगभग सभी पशु अपने भोजन के रूप में कार्बन ग्रहण करते हैं। कार्बन की ही एक किस्म सी13 मक्का व गन्ने जैसी घासों से संबंधित है।

चूंकि, लगभग सभी जंक फूड में मक्का तथा शर्करा मौजूद होते हैं। इसलिए सी13 उन सभी चीटियों में पाए जाते हैं, जो मानव आहार को ग्रहण करते हैं। दूसरी ओर मानव आहार ग्रहण न करने वाली चीटियों में सी13 नहीं पाया जाता।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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