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प्रादेशिक

ग्वालियर में एसएससी परीक्षा में पकड़े गए 5 फर्जी परीक्षार्थी

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ग्वालियर| मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से अर्ध सैनिक बल की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में पांच फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए हैं, जो वास्तविक परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे थे। इस रैकेट ने परीक्षार्थियों से 50 हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से परीक्षा में पास कराने का ठेका लिया था। एसएससी ने रविवार को अर्ध सैनिक बल में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा के केंद्र ग्वालियर में भी थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश कौशल ने रविवार शाम संवाददाताओं को बताया कि मुरार क्षेत्र के परीक्षा केंद्र कन्या विद्यालय में एक परीक्षार्थी की फोटो के मिलान में कुछ गड़बड़ी पाई गई और वह अन्य जानकारी भी सही नहीं दे पाया, जिससे शक बढ़ गया। उसके बाद उससे की गई पूछताछ में हकीकत सामने आई कि वह वास्तविक परीक्षार्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहा है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर फिर उससे पूछताछ की और उससे मिली जानकारी के आधार पर चार अन्य ऐसे फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा।

आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने इस परीक्षा में पास कराने के एवज में 50 हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से सौदा किया था। पकड़े गए आरोपियों में से चार ऐसे हैं, जो एक ही वर्ग के हैं और वे स्वयं अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इन आरोपियों के पास से फर्जी मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि तमाम फर्जी दस्तावेज मुरैना से बनवाए गए हैं, इसलिए पुलिस मुरैना में उस व्यक्ति की तलाश कर रही है, जिसने फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की है। पुलिस को आशंका है कि पकड़े गए आरोपियों के तार किसी गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।

 

नेशनल

जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार

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लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन उनकी रिहाई में देरी हो रही थी। हालांकि, बुधवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के वक्त धनंजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कई गाड़ियों के काफिले के साथ धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रेस से बात भी की। उन्होंने कहा कि 2020 में मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मैं सीधे जौनपुर जाऊंगा।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। यानी उनकी सजा पर कोई रोक नहीं है। 27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह के वकीलों ने कहा है कि अब सजा के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।

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