Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

गोवा में पर्रिकर सरकार ने हासिल किया विश्वास मत

Published

on

Loading

पणजी। गोवा विधानसभा में गुरुवार को हुए शक्ति परीक्षण में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने जीत हासिल कर ली। पर्रिकर सरकार को 22 विधायकों का समर्थन हासिल हुआ, जबकि कांग्रेस के समर्थन में केवल 16 विधायक खड़े हुए।

पर्रिकर ने मंगलवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। पर्रिकर अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं, वह अभी राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष सिद्धार्थ कंकोलिएंकर ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वालों को खड़े होने को कहा।

विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 22 विधायकों में अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष को छोडक़र अन्य भाजपा विधायक, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड के तीन-तीन विधायक तथा तीन निर्दलीय विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक चर्चिल अलेमाओ शामिल हैं।

पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेतृत्व पर राज्य में सरकार बनाने का मौका गंवाने का आरोप लगा रहे कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे।

बाद में राणे ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मैं कांग्रेस के काम करने के तरीके को लेकर शिकायत करता रहा हूं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। मैं जल्द ही पार्टी छोड़ दूंगा।”

पर्रिकर से राणे की गैर मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं, उनसे पूछिए।” कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपानीत सरकार असंवैधानिक तरीके से बनी है।

कांग्रेस प्रवक्ता और विधायक एलेक्सो रेगिनाल्डो ने कहा, “यह सरकार वैध नहीं है। उन्होंने हमें सदन में बोलने नहीं दिया और विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करने दी। यहां तक कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष के रूप में बैठा दिया जो 2012 में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रिपोर्ट करते था।”

पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर ने बाद में संवाददाताओं से कहा, “बजट सत्र समाप्त होने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। बजट सत्र 22 मार्च को शुरू होगा।”

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता चंद्रकांत कावलेकर की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तटीय राज्य की नई सरकार से गुरुवार को ही बहुमत साबित करने को कहा था।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

Published

on

Loading

एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

Continue Reading

Trending