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बिजनेस

गूगल द्वारा अधिग्रहण की अफवाह से चढ़े ट्विटर के शेयर

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वाशिंगटन| दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी गूगल द्वारा सोशल साइट चलाने वाली कंपनी ट्विटर के अधिग्रहण की ताजा अफवाहों के चलते मंगलवार को ट्विटर के शेयरों की भारी खरीदारी हुई। इससे ट्विटर के बाजार पूंजीकरण में एक अरब डॉलर का इजाफा हुआ। मीडिया में आई रपटों के अनुसार, ट्विटर के साथ अधिग्रहण को लेकर दो कंपनियां गंभीर बातचीत में संलग्न थीं, जिनमें से एक कंपनी गूगल को माना जा रहा था।

ट्विटर ने कथित तौर पर निवेश समाधान देने वाली कंपनी गोल्डमैन सैक्स की सेवाएं ली हैं। 10 वर्ष पुरानी कंपनी ट्विटर का इस समय बाजार पूंजीकरण 34 अरब डॉलर से भी अधिक है तथा उसके 28.8 करोड़ शेयर धारक हर महीने खरीद-बेच करते हैं। दूसरी ओर इंटरनेट की अगुवा गूगल का बाजार पूंजीकरण 60 अरब डॉलर का है और विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया के मामले में गूगल, फेसबुक से काफी पीछे है।

जिस तरह माइक्रोसॉफ्ट को गूगल से बड़ा खतरा माना जा रहा है, ठीक उसी तरह गूगल को फेसबुक से बड़ा खतरा देखा जा रहा है। उपभोक्ताओं की संख्या और विज्ञापन से मिलने वाली आय के मामले में फेसबुक, गूगल को कड़ी टक्कर दे रहा है। गूगल ने 2011 में अपनी सोशल साइट गूगल प्लस शुरू की, लेकिन फेसबुक के आगे यह कहीं पीछे है। समाचार पत्र ‘टेलीग्राफ’ के अनुसार, ट्विटर का अधिग्रहण करने में गूगल की रुचि से संबंधित अफवाह कई वर्षो से चल रही है और खबरों के मुताबिक दोनों कंपनियों के अधिकारी इस संबंध में 2011 से ही बातचीत कर रहे हैं।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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