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गुजरात राज्यसभा चुनाव : वाघेला और पांच समर्थकों ने की क्रॉस वोटिंग

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गांधीनगर। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मंगलवार को मतदान जारी है। इस चुनावी मुकाबले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल और साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के भाग्य का फैसला होगा।

पटेल राज्यसभा में अपने पांचवें कार्यकाल के लिए चुनाव मैदान में हैं। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस से आए नेता बलवंत सिंह राजपूत को उम्मीदवार बनाया है। बलवंत सिंह हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे।

कांग्रेस के कई विधायकों के हाल में हुए इस्तीफों के बीच सहयोगी एनसीपी ने भी कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान कर दिया है। ऐसे मुकाबला काफी रोचक है। गांधीनगर में मतदान शुरू हो गया है और शाम 6 बजे तक नतीजे आ जाएंगे।

वाघेला और पांच समर्थकों ने किया अहमद के खिलाफ मतदान

बागी कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि उन्होंने गुजरात राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार शंकर सिंह वाघेला को वोट नहीं दिया। वाघेला के साथ ही उनके पांच समर्थकों ने भी कहा कि उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया है।

वाघेला ने वोट डालने के बाद कहा, “मैने कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं दिया, क्योंकि अहमद पटेल नहीं जीतने वाले इसलिए वोट बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है। हमने कई बार गुजारिश की विधायकों की शिकायतें सुनी जाएं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।”

वाघेला ने दावा किया, “कांग्रेस जिन 44 विधायकों पर भरोसा कर रही है, उनमें से भी चार-पांच विधायक पार्टी के समर्थन में वोट नहीं देंगे।” पटेल को 176 सदस्यीय सदन में अपनी सीट जीतने के लिए 45 प्राथमिक मतों की जरूरत है। उनके पास इसके लिए एक वोट कम है और उन्हें भरोसा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दो विधायक और जनता दल-युनाईटेड का एक विधायक उनके पक्ष में मतदान करेंगे।

पटेल ने कहा, “मुझे अपनी जीत का पूरा भरोसा है।” वाघेला और उनके समर्थकों द्वारा क्रॉस वोटिंग किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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