Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

गिरीश की टीपू सुल्तान संबंधी टिप्पणी से बखेड़ा

Published

on

Loading

बेंगलुरू। मशहूर नाटककार-अभिनेता गिरीश कर्नाड ने मंगलवार को यह कहकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया कि बेंगलुरू अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम शहर के संस्थापक केम्पे गौड़ा की बजाय मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाना उपयुक्त होगा।

गिरीश ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, “क्योंकि टीपू का जन्म देवनहल्ली में हुआ था, जहां नया हवाईअड्डा बनाया और उसका संचालन किया जा रहा है, ऐसे में हवाईअड्डे का नाम उनके नाम पर रखा जाना उपयुक्त होगा, क्योंकि वह भी अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे।”

शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित इस हवाईअड्डे का नाम तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की सिफारिश पर 15 दिसंबर, 2013 को केम्पे गौड़ा के नाम पर रखा गया। इस नाम को सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया था। गिरीश ने यह विवादित टिप्पणी राज्य सरकार की ओर से टीपू सुल्तान की 265वीं बरसी के उपलक्ष्य में रखे कार्यक्रम में दी थी। भाजपा ने उनकी इस टिप्पणी का विरोध किया है और हवाईअड्डे का नाम बदलने से इंकार कर दिया है।

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

Published

on

Loading

इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

Continue Reading

Trending