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क्या मायावती राह रोकने के लिए केशव प्रसाद बन सकते हैं केन्द्र सरकार में मंत्री

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान में इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य केंद्र सरकार की सत्ता में जा सकते हैं। खबरों के मुताबिक इसके पीछे मुख्य रूप से सियासी वजहों को जिम्मेदार माना जा रहा है। ज्ञात हो मायावती के राज्यसभा इस्तीफे के बाद इन संशय का बाजार गर्माया हुआ है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को अपने पद पर बने रहने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी है। फिलहाल वह फूलपुर से सांसद हैं। यदि वह विधानभवन में पहुंचते हैं तो उनको अपनी संसदीय सीट छोडऩी पड़ सकती है।

जानकारों के मुताबिक मायावती फूलपुर उपचुनाव में उतर सकती हैं। मायावती ने हालांकि इस तरह का कोई ऐलान तो नहीं किया है लेकिन यह सीट बीएसपी के लिए मुफीद मानी जा रही है क्योंकि 1996 में यहां से पार्टी के संस्थापक कांशीराम चुनाव लड़ चुके हैं।

उस दौरान सपा के जंग बहादुर पटेल ने उनको हरा जरूर दिया था लेकिन इस सीट पर अन्य पिछड़े वर्ग, अल्सपसंख्यक और दलित तबके की बड़ी आबादी है। ऐसा भी सुनने में आ रहा है कि मायावती के चुनाव लडऩे की स्थिति में सपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल एकजुटता दिखाते हुए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते हैं।

2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में इस विपक्षी गठजोड़ को सियासी टेस्ट के रूप में भी देखा जा रहा है। यह सब देखते हुए वैसे भाजपा काफी सतर्क हो गई है और वह किसी भी सूरत में विपक्षी महागठबंधन को कोई मौका देना नहीं चाहती है।

खबरों के मुताबिक भाजपा के रणनीतिकार मान रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य की सीट फिलहाल उनके पास ही बरकरार बनी रहनी चाहिए। वहीं इस बात की भी संभावना है कि 15 अगस्त के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इसके हिसाब से केशव प्रसाद मौर्य को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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